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मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड क्षेत्र के हिसार में दुर्गा पूजा समिति की ओर से संगीतमय श्री राम कथा आयोजित किया गया है, जिसको लेकर गांव में भक्तिमय माहौल बना हुआ है।
श्री राम कथा के छठे दिन आयोजन समिति के सदस्यों ने फूलमाला व दोपट्टा से व्यास ठाकुर जी मानस बिहारी को सम्मानित किया। कथा शुरू करते हुए व्यास ने भक्तिमय मधुर गीतों से श्री राम कथा कहा।
उन्होंने कहा कि मानस का आरंभ सात श्लोकों के द्वारा किया गया है। इसमें सबसे पहले माँ सरस्वती तथा गणपति की वंदना है। उन्होंने भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा कि वो त्रिभुवन गुरु है। उनके सानिध्य में रहने के कारण टेढ़ा चंद्र भी जगत में पूजित है।
माँ भवानी और भगवान शंकर की स्तुति अवश्य करनी चाहिये। वंदना प्रकरण में ही उन्होंने गुरु की पूजा पर बल दिया और कहा कि आज के समाज मे लोगों का कोई गुरु नही है।
यही कारण है कि आज समाज मे अराजकता फैल रही है। कहा कि ब्रह्मा और शिव के समान होने के बाद भी हम बिना गुरु के इस भाव से पार नही पा सकते। प्रभु श्री राम जन्म प्रसंग की विशेषता की व्याख्या करते हुए महाराज जी ने कहा कि आज के समय मंदिरों से भगवान श्री राम को निकालकर हर घर में उनकी स्थापना करने की आवश्यकता है।
सिर्फ श्री राम की पूजा करने से समाज मे बदलाव नही होगा, बल्कि हमे राम जैसा आचरण करना होगा। भाई-भाई का प्रेम कैसा हो, यह हमें पुरुषोत्तम श्री राम से सीखना होगा। उन्होंने सोलह संस्कारों की विस्तार से चर्चा की और कहा कि आज के समय मे लोग इसे भूलते जा रहे है। श्री राम कथा केवल पढ़ने योग्य नही है। यह अनुकरण करने योग्य काव्य है।
आचार्य श्री ने कहा कि हरि की कथा अनंत है और उस अनंतता को शब्दों में बांधना कठिन है। फिर भी अभिमान रहित होकर जनमास में श्रीराम कथा को पहुँचाना ही हमारा पावन उधेश्य है।
कार्यक्रम के दौरान श्री राम सीता,हनुमान सहित अन्य झांकी भी निकाली गयी। कथा श्रवण करने के लिए काफी दूर दराज से श्रद्धालु पहुंच रहे है।