फाइलेरिया कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में चिन्हित हाइड्रोसील के मरीज का कैंप मोड में करना है शल्य चिकित्सा।

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  • लाइन लिस्ट के आधार हाइड्रोसील के बैकलॉग को करना है समाप्त
  • जिले को 2025 तक जिले को हाइड्रोसील मुक्त बनाना है
  • जिले में फाइलेरिया के लिंफोडेमा के 1500 से अधिक मरीज व हाइड्रोसील के 372 से अधिक मरीज चिन्हित

मधुबनी जिले में फाइलेरिया के कारण हाइड्रोसिल रोग से पीड़ित मरीज के लिए राहत भरी खबर है। मरीज को संबंधित बीमारी से निजात व स्थाई समाधान दिलाने के लिए सदर अस्पताल प्रबंधन उनको सर्जरी ऑपरेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल में जुट गई है।

कार्यक्रम को लेकर कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है। जारी पत्र के अनुसार अब तक चिन्हित हाइड्रोसील के मरीज का कैंप मोड में शल्य चिकित्सा करना है, ताकी लाइन लिस्ट के आधार पर हाइड्रोसील के बैकलॉग को समाप्त किया जा सके व वर्ष 2025 तक जिलों को हाइड्रोसील मुक्त बनाया जा सके।


विदित होकर जिले में 372 से सबसे अधिक हाइड्रोसील पीड़ित मरीज सामने आए हैं, जिसमें अब तक 78 हाइड्रोसील के मरीजों का ऑपरेशन किया गया है। वहीं जिले में हाथी पांव के 1500 से अधिक मरीज है, जिसमें 250 से अधिक मरीजों को एमएमडीपी किट उपलब्ध कराई गई है। राज्य के निर्देशानुसार प्रत्येक माह कम से कम 54 मरीज का सफल ऑपरेशन किया जाना है। मरीज के सामने आने के बाद उन्हें राहत दिलाने के उद्देश्य से सदर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा फाइलेरिया क्लिनिक की भी स्थापना की गई है, जिसमें अधिकांश मरीज आर्थिक रूप से कमजोर बताए जा रहे हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी.एस. सिंह ने बताया राज्य के निर्देशानुसार जिले में उपलब्ध सर्जन के द्वारा सर्जरी ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जिले में अगर पर्याप्त संख्या में सर्जन उपलब्ध नहीं है, तो निजी अस्पतालों से भी ऐसे मरीजों का ऑपरेशन कराया जाना है और मरीज को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाना है।

हाथी पांव के मरीजों को रुग्णता प्रबंधन व साफ-सफाई के लिए मिलेगा निश्शुल्क एमएमडीपी कीट :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी.एस. सिंह ने बताया हाथी पांव के मरीजों को रुग्णता प्रबंधन व साफ-सफाई के लिए निश्शुल्क एमएमडीपी (रुग्णता प्रबंधन दिव्यांगता बचाव) किट प्रदान की जाएगी। एमएमडीपी किट में एक बाल्टी, एक मग, एक टब, साबुन, तौलिया, एंटी़फंगल क्रीम भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने आम लोगों से अपील किया जिसे भी हाइड्रोसील या हाथी पांव की समस्या हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

फाइलेरिया के लक्षण :

  • हाथ, पैर और महिलाओं के स्तन में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील की परेशानी भी होती है।
  • यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है जो गंदे पानी में पैदा होते हैं।
  • फाइलेरिया जैसी बीमारी में सामान्य तौर पर मौत तो नहीं होती, लेकिन होने वाली दिव्यांगता से जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है।
  • Sudhansu Kumar

    सुधांशू कुमार ( बिहार ब्यूरो ) शंखनाद टाइम्स। खबरों से समझौता नहीं।बिहार में हो रहे जातिवाद राजनीतिक से मैं खफा हूँ। समाज मे फैली हुई जाति वादी रूपी ज़हर को जड़ से दूर करने की मानसिकता के साथ,अपने लक्ष्य को अटल मानकर मैं पत्रकारिता में शामिल हुआ हूँ। जय बिहार,भारत माता की जय,जय सियाराम🙏। " सही लोग " " सही सोच " " समाज की आवाज़ " ✍️ खबरों से समझौता नही ✍️ 🇮🇳🚩

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