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स्व. भोगेंद्र झा (पूर्व सांसद, मधुबनी) ने 1969 में भोजपुरी के प्रति जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए यूपी-बिहार से लेकर दिल्ली तक लड़ाई लड़ेंगे : डॉ. शैलेश
मधुबनी
साहित्य, संस्कृति और कला के उत्थान और संवर्धन के लिए समर्पित भोजपुरी साहित्य विकास मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आम बैठक पश्चिम बंगाल स्थित रिसड़ा (कलकत्ता) मुख्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विमलेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में मधुबनी जनपद स्थित जयनगर अनुमंडल के एकमात्र आनुषंगिक महाविद्यालय डी.बी. कॉलेज के वाणिज्य विभाग के सहायक प्रोफेसर, युवा साहित्यकार डॉ. शैलेश कुमार सिंह “शौर्य” को सर्वसम्मति से मंच का राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोनीत किया गया, साथ ही उन्हें बिहार का प्रदेश प्रभारी का भी दायित्व सौंपा गया।
इससे पूर्व भी डॉ. सिंह को भोजपुरी साहित्य और भाषा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा मुंबई, काशी व कलकत्ता में सम्मानित किया जा चुका है।
मंच के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश प्रियांशु ने पत्र जारी कर डॉ. शैलेश सिंह “शौर्य” से उम्मीद जताई है कि वह भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए क्षेत्रीय/राजकीय और केंद्र सरकार तक सक्रिय प्रयास करेंगे।
डॉ. शैलेश सिंह “शौर्य” ने राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट करते हुए कहा कि, शीर्ष नेतृत्व ने जिन उम्मीदों के साथ मुझे मंच का दायित्व सौंपा है उन पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा।
उन्होंने भोजपुरी भाषा की प्रमुख मांग संवैधानिक दर्जा/आठवीं अनुसूची में शामिल करने का उल्लेख करते हुए कहा कि, मधुबनी के पूर्व सांसद स्व. भोगेंद्र झा ने 1969 में सर्वप्रथम सदन में भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का जो मुद्दा उठाया था, उसे पूरा करने के लिए बिहार से लेकर दिल्ली तक लड़ाई लड़ेंगे।
इस दौरान डॉ सिंह को राष्ट्रीय प्रवक्ता सह बिहार प्रदेश प्रभारी मनोनीत किए जाने पर मिथिलांचल के युवा साहित्यकार डॉ जमील हसन अंसारी, डॉ जयशंकर सिंह, दिनेश चंद्र साह, आचार्य संजय सिंह चंदन, सिंगर गुड्डू गुलशन, सहित विभिन्न साहित्यकारों व प्रधानाचार्य डॉ नंद कुमार, डॉ अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ श्याम कृष्ण जी, डॉ ज्योति प्रकाश, डॉ स्वीटी सिंह, डॉ धर्मेंद्र कुमार सहित दर्जनों शिक्षाविदों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दिया।