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जयनगर
मधुबनी जिले भर मे पति की लंबी उम्र एवं सलामती के लियें रखा जानेवाला व्रत करवा चौथ का चाँद दिख चुका है।
मेरा चांद मुझे आया है नजर गूंज के साथ निर्जला उपवास करने वाली सुहागिन महिलाओ ने चांद को अर्ध्य अर्पित कर दिनभर की साधना को पूरे विधि-विधान के साथ समापन कर लिया है। चांद का दर्शन करने के बाद सुहागिन महिलायें अपना व्रत तोड़ती है। पति के हाथों से पानी पीने के बाद निर्जला उपवास तोड़ती है और अन्न ग्रहण करती है।
इस दौरान जिलेभर मे उत्सवी माहौल रहा। आपको बता दे की करवा चौथ प्रेम,तपस्या और समर्पण की पराकाष्ठा का पर्व है। यह वह दिन है जब महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए संकल्पित होती हैं। यह व्रत न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है,बल्कि यह पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम और निष्ठा का प्रतीक भी है।
करवा चौथ यह सिखाता है कि प्रेम का सही अर्थ तब है,जब उसमें समर्पण,त्याग और तपस्या हो।