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मधवापुर
मंगलवार को जिला पंचायती राज पदाधिकारी राकेश कुमार झा ने जिले के मधवापुर प्रखंड के मुखियापट्टी, साहर उत्तरी और साहर दक्षिणी पंचायत में मुख्यमंत्री नल-जल योजना की जांच किया। इस दौरान उक्त योजना में बरती गई अनियमितता की पोल खुल गया। पंचायतों के किसी भी वार्ड में नल से जल निकलता नहीं मिला। कई वार्डों में नल का कही कोई अता-पता नहीं था।
ज्ञात हो कि बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी योजना हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से पंचायत में वर्ष 2018 में पंचायती राज विभाग द्वारा नल जल योजना की शुरुआत की गई। वही एक वर्ष पहले यह योजना पीएचईडी विभाग के जिम्मे सौंप दिया गया।
मुखियापट्टी पंचायत के वार्ड सं 7 और 10 में जल मीनार की टंकी क्षतिग्रस्त है। अधिकतर वार्डो में पाइप लाइन लीकेज, बिजली कनेक्शन और अन्य कई समस्याएं होने के कारण नल से ग्रामीणों को जल नहीं मिल रहा है।
जांच में आए अधिकारियों का कहना है कि जब से पीएचईडी विभाग को यह योजना दिया गया है। तब से यह समस्या है। इधर मुखियापट्टी पंचायत के कई ग्रामीणों ने बताया कि पर्व त्यौहार के तरह कभी कभी नल से जल मिलता था, लेकिन कई वर्षो से नल जल योजना शोभा की वस्तु बनकर रह गई है।
इस बाबत जिला पंचायत राज पदाधिकारी राकेश कुमार झा ने बताया कि पटना अपर मुख्य सचिव के आदेशानुसार यह जांच किया जा रहा है। तीनों पंचायतों में नल जल योजना की जांच की गई है। सभी बंद पाया गया है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। इसी तरह अन्य पदाधिकारियों ने अन्य पंचायतों में जांच किया।
इस मौके पर पंचायत सचिव राकेश रंजन, अकाउंटेंट राकेश ठाकुर, तकनीकी सहायक सुजाता कुमारी, रेहाना खातून, मुखिया प्रतिनिधि बेचन सहनी, राम प्रसाद साह और अनिल कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।