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समुद्र में बार-बार टेलीकंपनियों की कट रही केबल से पश्चिमी देश बौखला गए हैं.
पश्चिमी देशों ने अब रूस को धमकी दी है. अभी तक रूस बार-बार पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की धमकी दे रहा था.
अब पश्चिमी देशों ने कहा है कि अगर यही हाल रहा तो नाटो देश अनुच्छेद-5 लागू करने के लिए विवश हो जाएंगे.
दरअसल, जर्मनी की विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख ने कहा है कि पश्चिमी लक्ष्यों के विरुद्ध रूस की तोड़फोड़ की गतिविधियां, नाटो को अनुच्छेद 5 के रक्षा खंड को लागू करने के लिए विवश कर रही हैं.
बुधवार को बर्लिन में डीजीएपी थिंक टैंक के एक कार्यक्रम के दौरान बुंडेसनाच्रिचटेंडिएन्स्ट के प्रमुख ब्रूनो काहल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है
कि मास्को अपने हाइब्रिड युद्ध को और आगे बढ़ाएगा, जो अंततः नाटो क्लॉज को लागू कर सकता है.काहल ने कहा, ‘रूस द्वारा हाइब्रिड उपायों के व्यापक उपयोग से यह जोखिम बढ़ जाता है कि नाटो अंततः अपने अनुच्छेद 5 के पारस्परिक रक्षा खंड को लागू करने पर विचार करेगा.’
इसके साथ ही, रूसी सैन्य क्षमता में वृद्धि का अर्थ है कि नाटो के साथ सीधा सैन्य टकराव क्रेमलिन के लिए एक संभावित विकल्प बन गया है.’
नाटो के अनुच्छेद 5 में क्या है?
अनुच्छेद 5 के अनुसार, यदि नाटो के किसी सदस्य पर हमला होता है, तो गठबंधन के अन्य सदस्य उसे जवाब देने में मदद करने के लिए बाध्य हैं.
काहल ने कहा कि रूस की सेना संभवतः दशक के अंत तक नाटो पर हमला करने में सक्षम होगी. खुफिया प्रमुख की टिप्पणियों से यह आशंका एक बार फिर खड़ी हो गई है कि यूक्रेन युद्ध तीसरे विश्व युद्ध का रूप ले सकता है
.जानबूझकर उकसा रहा रूस
इसके अलावा एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि क्रेमलिन द्वारा आयोजित हमले में एक चीनी मालवाहक जहाज ने बाल्टिक सागर में जानबूझकर दो महत्वपूर्ण डेटा केबलों को काट दिया था
. जहाज ने कथित तौर पर रडार से दूर रहते हुए समुद्र तल पर 110 मील से अधिक दूरी तक लंगर खींचा, और एक वरिष्ठ जांचकर्ता ने संकेत दिया कि जहाज का यह मार्ग जानबूझकर तय किया गया होगा
.यूरोपीय अधिकारी भड़के
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत ही असंभव है कि कप्तान ने यह नहीं देखा होगा कि उसका जहाज नीचे गिर गया और उसका लंगर घसीटता चला गया,
जिससे घंटों तक उसकी गति कम होती गई और रास्ते में केबलें कट गईं.’ 17 और 18 नवंबर को लिथुआनिया और स्वीडन , तथा फिनलैंड और जर्मनी से आने वाले प्रमुख केबलों के कट जाने के बाद यूरोपीय अधिकारी भड़क गए
.केबल पर हमला हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा
जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने कहा कि उनका मानना है कि यह संभवतः तोड़फोड़ का प्रयास था, जबकि अन्य देशों के मंत्रियों ने चेतावनी दी कि यह हमला संभवतः हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा था. जिसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप ‘इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.’