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हिमाचल प्रदेश के चीन बॉर्डर के समदु पहाड़ पर तैनात संजीव भंडारी की 30 नवंबर को खाई में गिरने से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर एयर लिफ्ट कर उनके पैतृक घर बिहार के सुपौल जिले के गम्हरिया गांव लाया गया, 2 दिसंबर की शाम उनका अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी पत्नी मधु कुमारी ने अपने छोटे बेटे के साथ शहीद पति को मुखाग्नि दी।
शहीद संजीव अमर रहे के नारों से गूंजा गांव
सोमवार को पटना से सेना की गाड़ी में शहीद का पार्थिव शरीर बिहार के सुपौल जिले के गम्हरिया गांव पहुंचा, रास्ते में भुतहा चौक से ही लोगों की भीड़ जुट गई।
तिरंगे में लिपटे हुए उनके पार्थिव शरीर का ग्रामीण वासी एक झलक पाने के लिए ललयित थे। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद संजीव अमर रहें’ का नारा गूंजता रहा।
तिरंगे में लिपटा हुआ उनका शव देखते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद जवान केवल 26 वर्ष के थे वह अपने पीछे पत्नी और एक साल का बेटा शिवांशु छोड़ गए हैं।
नेताओं ने शहीद को अर्पित की पुष्पांजलि
अंतिम संस्कार के मौके पर सुपौल के एडीएम राशिद कलीम अंसारी, निर्मली एसडीएम संजय कुमार, एसडीपीओ राजू रंजन समेत कई प्रशासनिक अधिकारी और सेना के जवान उपस्थित रहे।
जेडीयू के जिलाध्यक्ष और अन्य स्थानीय नेताओं ने भी शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की। ग्रामीणों ने सरकार से शहीद परिवार को हर संभव मदद करने की अपील की है।
पैर फिसलने से गहरी खाई में गिरे
भारतीय सेना के जवान संजीव भंडारी हिमाचल प्रदेश के समदू पहाड़ के सीमावर्ती इलाके में तैनात थे। 30 नवंबर को ड्यूटी के दौरान उनका पैर फिसलने से वे गहरी खाई में गिर गए।
सेना ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और उन्हें चंडीगढ़ के अस्पताल ले जाया गया। हालांकि डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।