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बिहार में राजस्व सेवा के अधिकारी गुस्से में हैं. बिहार सरकार के एक निर्णय का वो विरोध कर रहे हैं. राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सरकार के इस निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है, जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को उन पदों पर पदस्थापित करने की अनुमति दे दी है जिनपर अब तक केवल राजस्व सेवा के अधिकारी ही पदस्थापित होते रहे हैं.
बिहार राजस्व सेवा संघ ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. संघ ने कहा है कि यह निर्णय बासा के दबाव में लिया गया है. जिस पद पर राजस्व सेवा के अधिकारियों की तैनाती होनी चाहिए, उसपर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदस्थापित करना गलत है.
गजट पर गतिरोध, वापस लेने की मांग
सामान्य प्रशासन विभाग के गजट में स्पष्ट किया गया है कि बिहार प्रशासनिक सेवा संवर्ग की अधीन अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, वरीय उपसमाहर्ता व जिला पंचायत राज पदाधिकारी जैसे पदों पर मूल कोटि एवं उपसचिव स्तर के पदाधिकारियों को पदस्थापित किया जाएगा. सरकार के अपर सचिव संजय कुमार की तरफ से यह गजट 5 दिसंबर 2024 को जारी हुआ है. सरकार के इस गजट पर बिहार राजस्व सेवा संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया है. राजस्व संघ का आरोप है कि भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नहीं बल्कि राजस्व सेवा के अधिकारियों की पोस्टिंग होनी चाहिए.
राजस्व सेवा संघ ने खोला मोर्चा
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में राजस्व सेवा संघ ने कहा है कि बिहार राजस्व सेवा संवर्ग से नवप्रोन्नत पदाधिकारियों को यथाशीघ्र भूमि सुधार उपसमाहर्ता, जिला भू अर्जन पदाधिकारी एवं अन्य समकक्ष पदों पर नियुक्ति प्रदान की जाए. अन्य विभागों के अधिकारियों की तदर्थ नियुक्ति की प्रथा को समाप्त किया जाए. साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में संशोधन कर पूर्व की नीतिगत प्रावधानों के अनुपालन की मांग की गई है. बिहार राजस्व सेवा संघ ने कहा है कि इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने भी 19 जून 2024 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.