सरकारी अस्पतालों में विश्वास धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है.।

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बिहार का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सवालों में है. लाख प्रयास के बावजूद सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहतर नहीं हो पा रही है. लोगों का सरकारी अस्पतालों में विश्वास धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है.

नि:शुल्क उपचार, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ परिवार नियोजन को बढ़ावा देना स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार के सबसे प्रमुख कार्यक्रम हैं. सबसे अधिक धनराशि का आवंटन भी इसी मद में होता है. बावजूद इसके इन तीन क्षेत्रों के 14 स्वास्थ्य मानकों में बिहार लक्ष्य से काफी दूर है. यहां तक कि राजधानी पटना के प्रदर्शन में भी लगातार गिरावट देखी जा रही है.

लक्ष्य के 76 प्रतिशत रोगी ही पहुंचे ओपीडी

अप्रैल से अक्टूबर तक के आंकड़ों को देखें तो ओपीडी में अनुमानित लक्ष्य के 76 प्रतिशत रोगियों का ही उपचार किया गया. मध्यरात्रि तक भर्ती कर उपचार कराने वाले रोगियों की संख्या अनुमानित लक्ष्य का महज 23 प्रतिशत ही रहा. वहीं, गर्भधारण के 12 सप्ताह यानी तीन माह पर एंटीनेटल जांच के लिए 110 प्रतिशत गर्भवती ने अस्पतालों में पंजीयन कराया. इसके बाद 180 दिन आयरन-फोलिक एसिड व 360 दिन तक कैल्शियम की खुराक देने में क्रमश: 96 व 97 प्रतिशत प्रदर्शन रहा. यह रिपोर्ट 18 नवंबर को जिलाधिकारी की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन समीक्षा बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों पर आधारित है.

14 मानकों में 10 के प्रदर्शन में गिरावट

42 लाख 7 हजार 82 रोगियों के उपचार का अनुमान था. अप्रैल से अक्टूबर तक, 31 लाख 93 हजार 115 मरीज ही ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे. 7 लाख 50 हजार 757 रोगियों को भर्ती करने का लक्ष्य था. अप्रैल से अक्टूबर तक, एक लाख 71 हजार 127 रोगी ही भर्ती हुए. 357 पुरुषों की अप्रैल से अक्टूबर तक परिवार नियोजन सर्जरी करना थी, लेकिन सिर्फ 55 की हो पाई. इसमें प्रदर्शन सबसे खराब रहा. स्वास्थ्य विभाग की इस रिपोर्ट को सरकार ने गंभीरता से लिया है. सभी सिविल सर्जनों को लक्ष्य को पाने का निर्देश दिया गया है.

कायाकल्प प्रमाणीकरण के लिए मूल्यांकन

कायाकल्प भारत सरकार के स्वास्थ्य व कल्याण विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है. इसका उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण संबंधी मानकों को मजबूती प्रदान करना है. इसी कड़ी में सारण जिले के एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का राज्य स्तरीय दो सदस्यीय टीम ने कायाकल्प प्रमाणीकरण को लेकर असेसमेंट किया. टीम ने अस्पताल की साफ-सफाई व स्वच्छता संबंधी इंतजाम, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपाय व चिकित्सकीय उपकरणों के रख-रखाव संबंधी इंतजाम का बारिकी से मुआयना किया.

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