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पटना
द क्रिएटिव आर्ट थिएटर वेलफ़ेयर सोसाइटी द्वारा पटना के गांधी मैदान में कुमार मानव लिखित एवं सैयद अता करीम निर्देशित बाल संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक ‘किसी का बचपन न मुरझाए की प्रस्तुति की गई।
नाटक में दिखाया गया कि एक लड़का जिसके पिता नहीं है, मां ही सहारा है। वह पढ़ने में तेज है और अपने क्लास में टॉप करता है। इस खुशी को वह अपनी मां से साझा करता है। पिता का न होना और गरीबी और मजबूरी से परेशान मां उसे आगे पढ़ाने में खुद को लाचार महसूस करती है तभी एक सेठ बच्चे को शहर ले जाकर उसे पढ़ाने के लिए उसकी मां को राजी कर लेता है। लेकिन स्कूल में नामांकन न करा कर उससे बाल मजदूरी कराता है। सेठ की बदसलूकी से तंग आकर, बालक वहां से भाग कर एक चाय वाले के पास पहुंचता है।
चायवाला उसे पढ़ने की बात कह अपने पास रख लेता है लेकिन वह भी उससे काम लेने लगता है। बालक वहां से भाग कर गंगा किनारे भूखा प्यासा सोया रहता है जहां एक ईट भट्टा मालिक की नजर उसपर पड़ती है वह भी उसे पढ़ने की लालच देकर काम करवाने लगता है। किसी के शिकायत मिलने पर बाल श्रम विभाग के पदाधिकारी और टीम वहां पहुंचकर बालक को बालश्रम से मुक्त कराकर स्कूल में नामांकन करते हैं। बालक स्कूल में फिर से पढ़ाई करने पर बहुत खुश होता है।
नाटक में संदेश दिया गया कि वैसे बच्चे जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है, ऐसे बच्चे अगर किसी को अकेले में रोते दिखे, जख्मी हालत में मिले, किसी संदिग्ध द्वारा बहला फुसला कर ले जाते दिखें तो तत्काल उनकी सहायता करें। टॉल फ्री नंबर 112 या चाइल्ड लाइन के 1098 पर कॉल कर इनकी मदद करने पर जोर दिया गया।
भाग लेने वाले कलाकार थे कुमार मानव , विजय चौधरी, अर्चना कुमारी, मयंक, राजकिशोर पासवान, सरबिन्द कुमार, हिमांशु कुमार एवं राधा कुमारी।
कार्यक्रम के अंत में संस्था सचिव एवं नाटक के निर्देशक सैयद अता करीम ने कहा की इस नाटक की प्रस्तुति से हम आम जन को वैसे बच्चों के बारे में मदद के लिए जागरूक करना चाहते हैं जो घर परिवार से दूर हो गए हैं और शोषण का शिकार हो रहे है। इसके लिए सरकार भी सजग है और कई महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है परंतु जब तक आम नागरिक इसमें भागीदार हो कर मदद को आगे नहीं बढ़ेंगे कामयाबी हासिल नहीं होगी।
बच्चे हमारे देश के भविष्य है इसलिए आपकी जरा सी मदद उनके लिए संजीवनी का काम करेगी।