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मसौढ़ी:- मे गंदे नाले के पानी के बीच एक मिनट भी रहना मुश्किल से कम नहीं होता है, बीमारी का डर बना रहा है, जहां लोग 6 महीने से गंदे बदबूदार नाले के पानी के बीच नारकीय जीवन व्यतीत करने में मजबूर हैं। मसौढी थाना क्षेत्र के हनुमान नगर मुहल्ले में पिछले 6 महीने से लोग घर से लेकर सड़क तक गंदा पानी बह रहा है। इसकी वजह है कि, रोज स्थानीय लोगों को इसी गंदे नाले के पानी में गुजारना पड़ता ह। सीएम के सात निश्चय योजनाओं में से एक योजना गली-गली भी है, लेकिन यह जानने के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत भी नहीं है। इसकी पोल खुल गई है, आर्यावर्त समाचार पत्र के संवाददाता नीरज कुमार ने हनुमान नगर मुहल्ले में जाकर वहां का हाल जानने की कोशिश की। ग्रामीणों ने ठुकराया नल, जल योजना पहले गली-गली पक्कीकरण की मांग, मसौढ़ी के हनुमान नगर के मुहल्ले के लोग पिछले 6 महीने से नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। लेकिन आजतक इन लोगों की परशानी बढते रहे है। मोहल्ले की तस्वीर देखकर ऐसा लगता है कि यहां बाढ़ का पानी जमा है, लेकिन हकीकत यह है, कि जमा पानी नाले का पानी हनुमान नगर मुहल्ले मे आकर जमा हो चुका है। नाले गंदा पानी बह रहा है। जिसके कारण लोग बीमार भी हो रहे है।बडे बच्चे नाले के गंदे पानी से गुजरने के बाद आगे जाकर कपड़े बदल लेते हैं।और छोटे बच्चों ने स्कूल 1 महीने से नहीं जा पा रहे हैं।
ग्रामीण संतोष कुमार ने बताया कि मसौढ़ी हनुमान नगर मुहल्ले के किनारे अवस्थित है। जहां शहर भर के नाले के पानी ओवर फ्लो होकर भर आया है। और बाढ़ जैसा हालत पिछले 6 महीने से बना हुआ है। जिसे लेकर लोगों का जीना मुहाल हो गया है, लोगों को अब महामारी फैलने के डर भी सता रहे हैं। 2, पार्वती देवी ने बताया कि हनुमान नगर मोहल्ले में इतना जलजमाव हो गया है कि लोगों के बीमार होने की संभावना बढ़ गई हैं। हनुमान नगर मोहल्ले की समस्या की जानकारी मिलते ही आर्यावर्त समाचार पत्र के संवाददाता नीरज कुमार ने नगर परिषद मसौढी कार्यपालक पदाधिकारी जगरनाथ यादव से बात की और पूछा कि कब तक लोगों का ऐसा हाल में सामना करना पड़ेगा। इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी स्वतः संज्ञान लेते हुए पानी निकासी करने को लेकर आदेश निर्गत कर दिया गया है, अब इस नाले के गंदे पानी को निकालने के लिए ह्मेम पाइप लगाया जाएगा ऐसे में लोगों मे भी उम्मीद जगी है, कि जल्द से जल्द इस गंदे नाले के पानी से इन्हें छुटकारा मिलेगा।
मुन्ना पंडित ब्यूरो प्रमुख की रिपोर्ट पटना I