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उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है, जिसमें अब तक 67 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, जिसमें 10 शवों की पहचान बिहार निवासी के रूप में की गई है। मुख्यमंत्री ने इस तरह हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि बिहार के मृतकों के शव को उनके घर लाया जाएगा। सरकार ने सभी पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवारों को 200000 देने की घोषणा की है। ताजा जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में शुक्रवार को और शव बरामद हुए हैं। आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। बचाव दल अलग-अलग जगहों पर सक्रिय है, दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एसडीआरएफ ने ग्लेशियरों के करीब 5 से 6 विदेशियों समेत उनके आने को प्ले पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया है। उत्तराखंड में इस तबाही में अभी तक यह बताना मुश्किल है कि कितने लोग इसकी चपेट में आए हैं? मरने वालों व घायलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वहीं कई दर्जनों लोग अभी फंसे हुए हैं। आपदा राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है, लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें भी काफी दिक्कतें आ रही है। हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि उत्तरकाशी जिले के चित्रकूट ट्रेन से लापता दल के 2 सदस्य घायल है जिन का इलाज हरसिल और उत्तरकाशी के अस्पताल में चल रहा है। कुमाऊं में सर्वाधिक मौतें नैनीताल में हुई है यहां 35 लोगों ने आपदा में अपनी जान गंवाई है। चंपावत में 11, अल्मोड़ा में छह, पिथौरागढ़ में तीन और उधम सिंह नगर में दो और बागेश्वर में एक की मौत हुई है।