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पटना /प्रसिद्ध यादव।
फुलवारी थानां से नया टोला की दूरी महज आधा किमी की होगी ,पुलिस अनुमंडल की दूरी 1 किमी होगी। पटना से एम्स जाने के रास्ते में है और पुलिस को भनक तक नहीं लगती है। शुक्र मनाएं की पटना में पीएम का कार्यक्रम था,जिससे खुफिया एजेंसी अलर्ट थी, होटलों में, सड़कों पर सघन जांच अभियान चलाया गया और ख़ुफ़िया के हाथों आतंकी को ट्रेनिंग सेंटर मालूम हो गया। आखिर स्थानीय पुलिस को पहले इसकी भनक क्यों नहीं लगी ? यह अपने आप मे एक गंभीर मामला है। कोई भी किराये पर रहता है, उसका पूरा बॉयोडाटा थानां में होता है।किराएदार की चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापन होता है, तत्पश्चात कोई किराएदार रहता है। यह ट्रेनिंग कब से चल रही थीं और कितने लोगों को ट्रेंड किया गया यह जांच का बिषय है और इसकी जांच नितांत आवश्यक है। आतंकी गतिविधियों के तह तक जाने की जरूरत है ताकि अंदरखाने की बात मालूम हो और हमारा देश सुरक्षित रहे। शहरों में इतने नये नये लोग आकर अपना ठौर बना लिया है कि पहचान मुश्किल हो गया है और ऐसे में स्थानीय पुलिस की जिम्मेवारी बढ़ जाती है।राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से आतंकी गतिविधियों में शामिल दो संदिग्धों को स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं. सबसे सबसे खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के ठीक 1 दिन पहले खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद इनकी गिरफ्तारी हुई गिरफ्तारी के बाद इनके पास से काफी अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं.इसके अलावा पाकिस्तान और कई अन्य देशों से इनके संबंध उजागर हुए हैं और ये आतंकी फुलवारी शरीफ में बाकायदा एक ट्रेनिंग कैंप का आयोजन कर उसमें युवाओं को ट्रेनिंग दिया करते थे और उन्हें बरगलाने का काम किया करते थे. दस्तावेजों में देश विरोधी साजिशों का भी पता चला है गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों में एक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है जो झारखंड पुलिस का रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर है और दूसरे का नाम अतहर परवीन है जो सिमी के पूर्व सदस्य रह चुका है और कई गतिविधियों में शामिल होने का सबूत प्राप्त हुआ है.फुलवारी अमन चैन का नाम है यहाँ देशद्रोही और आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों को कुचल दिया जाएगा।