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पटना/प्रसिद्ध यादव।
बिहार पुलिस की अमानवीय चेहरा पहली बार देखने को नही मिली है। पुलिस अपने कर्तव्यों में दंडनात्मक कार्यवाई को सिर्फ याद रखती है, बाकी जनता के साथ कैसे कुशल व्यवहार किया जाता है, याद नहीं रहती है। कोई साधारण सा कोई सामान की गुमशुदगी दर्ज करवाने भी जाये तो लोगों को पसीना छूट जाता है, बाकी एफआईआर दर्ज करवाने में लक्ष्मी की कृपा के बिना असम्भव है और यहाँ की जनता इसे पुलिस के विशेषाधिकार समझकर नजराना देना वाजिब समझते हैं।
हालांकि कुछ पुलिस अपने व्यवहार से जनता के सर आंखों पर रहते हैं।समय समय पर पुलिस अधिकारियों के औचक निरीक्षण से पुलिस चुस्त होती है। सवाल है कि पुलिस को ट्रेनिंग किस चीज की होती है?जब पुलिस की मानवीय संवेदना खत्म हो जाती है और विकृत रूप देखने को मिलती है।बिहार के बेगूसराय में पुलिस की संवेदनहीनता की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. दरअसल लावारिस हालत में एक शव मिलने के बाद जिस तरीके से पुलिस के सामने पैर में रस्सी बांधकर शव को घसीटते हुए सड़क पर लाया गया, उससे मानवता शर्मसार हो गई.लाखो थाना क्षेत्र के लाखो गांव में एक विक्षिप्त का शव होने की सूचना बुधवार शाम को पुलिस को मिली थी।
पुलिसवाले मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि लाश कई दिनों से वहां पड़ी हुई थी, जिस वजह से उससे दुर्गंध आ रही थी.पुलिस ने सफाई कर्मियों को बुलाया और शव के पैर में रस्सी बांधकर घसीट कर गड्ढे से बाहर सड़क पर लाया गया और वहाँ से ट्रैक्टर ट्रॉली में रखा गया फिर उसमें से रस्सी से ही घसीटकर पोस्टमार्टम रूम तक ले जाया गया। लोग पुलिस केइस रवैये पर सवाल उठा रहे हैं.लोग पूछ रहे हैं कि आखिर एक शव के साथ इस तरह का व्यवहार कितना सही है. इस घटना को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच कराई. जांच के बाद मौके पर मौजूद सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, वहीं थाना अध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगी गई है..