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पटना/प्रसिद्ध यादव।
सीट खाली रह जाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया!
गुरुजी हेडमास्टर बनने चले थे और न्यूनतम अंक भी हासिल नहीं कर पाए? 6421 में 6000 हजार सीट खाली रह गया।यह अपने आप मे एक रिकॉर्ड बन गया। अगर शिक्षक पात्रता के लिए बीपीएससी परीक्षा ले ले तब बिहार के हजारों स्कूल गुरुजी विहीन हो जाएगा। स्कूल में कैसे कैसे गुरुजी शिक्षा का ज्ञान दे रहे हैं, दुनिया देख लिया।
अंकों के भरोसे, ट्रेनिंग प्रमाण पत्र के भरोसे गुरुजनों के बहाली के दुष्परिणाम को लोग देख लिया।सरकार को अब शिक्षक की पात्रता के लिय भी बीपीएससी से परीक्षा लेनी चाहिए और जो फेल हो जायें, उन्हें घर भेज दिया जाय। भोथर गुरुजी से तेज विद्यार्थियों की आशा करना बेमानी है।निजी स्कूलों के शिक्षक और सरकारी स्कूलों के शिक्षक में जमीन आसमान का फर्क है और यही सच्चाई भी है। बिहार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक (हेडमास्टर) बनने चले 12 हजार 547 गुरुजी फेल हो गए हैं। इनमें 421 गुरुजी ही सफल हो सके। टॉपर बाल्मीकि प्रसाद बने हैं। दूसरे स्थान पर महिला शिक्षक तनुजा रहीं। आयोग की ओर से 6421 पदों के लिए परीक्षा ली गई थी। यानी छह हजार पद खाली रह जाएंगे।
हेडमास्टर परीक्षा 31 मई को पटना के 25 केन्द्रों पर हुई थी। इस परीक्षा में 13055 उम्मीदवार शिक्षक उपस्थित हुए थे। आयोग ने सफल शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है। परीक्षा में शामिल 87 शिक्षकों को ओएमआर शीट भरने भी नहीं आया। ओएमआर उत्तर पत्रक में प्रश्न पुस्तिका शृंखला अंकित नहीं किये जाने की वजह से इनका परिणाम रद्द कर दिया गया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने लोहार जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में रखा है। इसमें 38 उम्मीदवारों का रिजल्ट दिया है।