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कायस्थ समाज के युवा राजनीति
और समाज में अपनी भूमिका पुरुखों की तरह निभाएं :रविशंकर प्रसाद
बिहार के निर्माण व विकास में कायस्थों के योगदान पर व्याख्यानमाला आयोजित
पटना। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए ) हॉल में बिहार के निर्माण एव विकास में कायस्थों के योगदान पर प्रथम रविनंदन सहाय स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया ।
मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज को अपनी सक्रियता समाज और राजनीति में बनाए रखना चाहिए । साथ ही शिष्टाचार और सद्भाव नहीं भूलना चाहिए क्योंकि हमारे पुरखों का यही संस्कार रहा है। कायस्थ के महापुरुषों का योगदान बिहार और देश के विकास में रहा है, उसको नहीं भूलना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज ने पूरे देश और बिहार को बहुत कुछ दिया है। अपनी बात की शुरुआत उन्होंने शताब्दी की शुरुआत में दिए सच्चिदानंद सिन्हा के योगदान से की है और कहा कि जब वे विदेश में पढ़ने गए तो उन्हें यह बताना पड़ा कि मैं बिहार से आया हूं तो लोगों ने पुछ की देश के नक्शे में बिहार कहां है, तो वह दिखा नहीं पाए। यह बात उनके अंदर चुभ गई और फिर उन्होंने बंगाल से अलगाव कराकर एक अलग राज्य का दर्जा बिहार को दिलवा कर ही दम लिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ऐसे विद्यार्थी थे जो हमेशा प्रथम आए और उन्होंने देश को और समाज को बहुत कुछ दिया मगर जब देश के राष्ट्रपति पद से हटे तब उनको रहने की जगह नहीं थी और सदाकत आश्रम के दो जर्जर कमरों में उनको जीवन गुजारनी पड़ी, मगर उनकी योग्यता की तुलना हम इससे कर सकते हैं कि अपने वकालत के जीवन में वे 1920 में 15 से 20 हजार तक की प्रैक्टिस करते थे यह उनकी महानता और उनका महत्ता बताने के लिए काफी है ।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नेहरू जी उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे,मगर वह नहीं बने और अगर वह चाहते तो 77 में जीत के बाद प्रधानमंत्री तक बन सकते थे मगर उन्होंने अपनी सेवा दूसरे रूप में देश को दी । पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमंत्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की कभी उन्होंने पद को जाहिर होने नहीं दिया । जमीदारी प्रथा के उन्मूलन में कृष्ण बल्लभ सहाय के योगदान की चर्चा की । वही शिवपूजन सहाय की लेखनी के योगदान को भी उन्होंने अतुल्य बताया । संगीत की दुनिया में वर्षों तक सिनेमा जगत में राज करने वाले चित्रगुप्त की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह चित्रगुप्त श्रीवास्तव थे, जो गोपालगंज के रहने वाले थे जिनके गाये अनेक गाने आज भी देश में सुरीली आवाज के रूप में गूंज रहे हैं । उन्होंने कायस्थ समाज के विभूति विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महर्षि अरविंद जैसे लोगों की भी चर्चा की जिन्होंने देश के लिए एक बड़ा योगदान दिया था ।
उन्होंने कहा कि कायस्थों व समाज के पुरुखों का संस्कार और इतिहास लोग कभी भूल नहीं सकते और उनके आशीर्वाद भी आज युवाओं को नहीं भूलना चाहिए । आज के युवाओं को समाज में सक्रियता बनाए रखनी चाहिए । राजनीति में सक्रियता बनाए रखनी चाहिए । कायस्थ समाज को दहेज के अभिशाप से मुक्त होना चाहिए । पढ़ी-लिखी कौम है जिसको अपनी शख्सियत बननी चाहिए ।
कुम्हरार विधानसभा के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा की सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे महापुरुषों की तरह ही रवि नंदन सहाय का योगदान भी कायस्थ समाज के लिए रहा है और हम समझते हैं सबको साथ लेकर चलने की उनकी भावना को हम सबको याद करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और समाज में अनेकता में एकता का संदेश लेकर चलना चाहिए, क्योंकि यही समाज की संस्कृति रही है ।हमारे पूर्वजों की संस्कृति रही है और इसी तरह पूर्वजों ने काम किया है ।
वही बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि समाज हर जगह अपनी मेहनत और बुद्धिमता की बदौलत अपनी पहचान बनाता आया है और किसी भी परिस्थिति में काम करने की क्षमता समाज के लोगों की होती है । उन्होंने भी सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ राजेंद्र प्रसाद के नामों की चर्चा करते हुए कहा कि सबको साथ लेकर चलने उनकी भावनाएं थी और उन्हीं भावनाओं को साथ लेकर मेरे पिता स्वर्गीय नवीन सिन्हा की चलते थे और मैं भी उन्हीं भावनाओं को लेकर चलता हूं और मिलकर चलने का भाव रखता हूं । सभी लोग मजबूती से काम करें , समाज के लोग को जोड़कर कदम से कदम मिलाकर समाज के युवाओं को आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा ने की । उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज अपनी ताकत , एकता से हमेशा आगे रहा है और भविष्य में भी आगे रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री राकेश कुमार सिन्हा ने किया । स्वागत भाषण राष्ट्रीय मंत्री मनहर कृष्ण अतुल ने किया । उन्होंने कहा कि जब भी देश के सामने समस्या आई तब कायस्थों ने आगे बढ़कर समस्या दूर करने का काम किया ।
कार्यक्रम की शुरुआत उज्जवल अविनाश की चित्रगुप्त वंदना से हुई । कार्यक्रम में दीप जलाने के बाद अतिथियों को सम्मानित किया गया जिसमें कायस्थ समाज के लिए और आदी चित्रगुप्त मंदिर के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कमलनयन श्रीवास्तव को रविनंदन सहाय स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया । पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन,कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने संयुक्त रुप से सम्मानित किया। इसी कड़ी में सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री मनहर कृष्ण अतुल, उपाध्यक्ष माया श्रीवास्तव, श्वेता श्रीवास्तव, सुनील कुमार सिन्हा, राकेश कुमार सिन्हा को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश सचिव अमरेश प्रसाद, सचिन कुमार सिन्हा, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार, मीना श्रीवास्तव, प्रीति रानी, आदित्य अवस्थी, अमरेश प्रसाद गुल्लू जी, अजय कुमार मंटू, विनय कुमार सिन्हा पल्लू जी, विशाल सिन्हा, अशोक कुमार, आनंद जी, माला सिन्हा, चेतना सिन्हा, माधुरी सिन्हा, विश्वरूपम ,
प्रदेश उपाध्यक्ष माया श्रीवास्तव , संयुक्त महामंत्री श्वेता श्रीवास्तव समेत समाज के सैकड़ों लोग शामिल थे ।