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लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान आज विदेश दौरे से पटना लौटे। पटना पहुंचने के बाद चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा।
कि दो दशक से बांटने की राजनीति कर मुख्यमंत्री बिहार की सत्ता में काबिज है।
चिराग पासवान ने उपेंद्र कुशवाहा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह वही बता सकते हैं कि जो जेडीयू छोड़कर जाना चाहते हैं।
डील को लेकर के चिराग पासवान ने कहा जब डील हुई उस वक्त संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र जी थे उनकी जानकारी में होगा वही बताएं क्या डील हुआ।
चिराग ने कहा कि जब-जब डील के आधार पर सरकार बनती है उनका हाल यही होता है, जैसा आज महागठबंधन सरकार का हाल है।
चिराग पासवान ने कहा जरूरत पड़ने के बाद व्यक्ति को मुख्यमंत्री छोड़ देते हैं।
इसका उदाहरण हम लोग देख चुके हैं, यूज एंड थ्रो की नीति अपनाते हैं। जब उपेंद्र कुशवाहा गए थे उस वक्त भी मुझे ताज्जुब हुआ था।
अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री को जब तक किसी की जरूरत होती है उसका इस्तेमाल करते हैं।
और जरूरत पूरा होने के बाद यूज एंड थ्रो वाला रास्ता अपनाते हैं।
बक्सर किसान मामले को लेकर के चिराग पासवान ने कहा बक्सर के किसानों की चिंता किसको है, मुख्यमंत्री के कान में जूं तक नहीं रेंगा।
100 दिन से ऊपर हो गये हैं किसानों के आंदोलन के लेकिन मुख्यमंत्री को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
वहीं सीवान में जहरीली शराब से लोगों की मौत पर चिराग पासवान ने कहा कितनी और हत्या का इंतजार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे,।
जो मुख्यमंत्री अपने ही बिहार के लोगों के मरने की कामना करता हो क्या उस मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का अधिकार है।
चिराग पासवान ने शराबबंदी कानून में बदलाव की जरूरत बताया। कहा कि इसे लेकर एक बार मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाएं।
जातीय जनगणना पर सबने समर्थन किया ऐसे ही शराबबंदी की तरह जब जातीय जनगणना विफल होगी। जब जातीय जनगणना पर सवाल उठेगा।
तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कोई जवाब नहीं होगा। चिराग पासवान ने कहा क्यों नहीं जातीय जनगणना शुरू करने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सबकी राय लेते, सबकी सोच लेते।
चिराग पासवान ने कहा आज की तारीख में किसी दूसरे को तो छोड़ ही दीजिए जनता दल यूनाइटेड के खुद के मंत्रियों को नहीं पता होगा ।
कि जातीय जनगणना की रूपरेखा क्या है। वही गुलाम रसूल बलियावी के बयान और मंत्री आलोक मेहता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग पासवान ने कहा कर्बला बनाने की बात हो या फिर अंग्रेजों के गुलाम, एक वर्ग विशेष को कहने की बात हो,।
जात पात बांटने की राजनीति का यह उदाहरण है। चिराग पासवान ने कहा ऐसे उदाहरण यह नेता देते रहेंगे क्योंकि इनके खुद के नेता ने इसी बांटने की राजनीति के आधार पर अपना पूरा जीवन व्यतीत किया। दो दशक से बांटने की राजनीति करके मुख्यमंत्री बिहार की सत्ता में काबिज है।