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🌤️ दिनांक – 03 फरवरी 2023
🌤️ दिन – शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – शिशिर ॠतु
🌤️ मास – माघ
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – त्रयोदशी शाम 06:57 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
🌤️ नक्षत्र – पुनर्वसु पूर्ण रात्रि तक-
🌤️योग – विष्कंभ दोपहर 01:02 तक तत्पश्चात प्रीति
🌤️ राहुकाल – सुबह 11:28 से दोपहर 12:53 तक
🌞 सूर्योदय- 07:16
🌦️ सूर्यास्त – 18:28
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण-
🔥विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
05 फरवरी के दिन घर के मुख्य द्वार पर इस समय दीप जलाए शीघ्र धन लाभ का योग बनेगा |
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माघी पूर्णिमा
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🙏🏻 धर्म शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को विशेष फलदाई माना गया है। उन सभी पूर्णिमाओं में माघी पूर्णिमा (इस बार 05 फरवरी, रविवार) का महत्व कहीं अधिक है। पुराणों के अनुसार, इस दिन विशेष उपाय करने से धन की देवी मां लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं। और भी कई उपाय इस दिन करने से शुभ फल मिलते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं-
➡ 1. माघी पूर्णिमा माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष तिथि मानी गई है। इस पूर्णिमा की रात लगभग 12 बजे महालक्ष्मी की भगवान विष्णु सहित पूजा करें एवं रात को ही घर के मुख्य दरवाजे पर घी का दीपक लगाएं। इस उपाय से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर उस घर में निवास करती हैं।
➡ 2. माघी पूर्णिमा की सुबह पास के किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और 11 गुलाब के फूल अर्पित करें। इससे माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी आपको प्राप्त होगी और अचानक धन लाभ के योग भी बनेंगे।
➡ 3. माघी पूर्णिमा की सुबह पूरे विधि-विधान से माता सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन माता सरस्वती को सफेद फूल चढ़ाएं व खीर का भोग लगाएं। विद्या, बुद्धि देने वाली यह देवी इस उपाय से विशेष प्रसन्न होती हैं।
➡ 4. पितरों के तर्पण के लिए भी यह दिन उत्तम माना गया है। इस दिन पितरों के निमित्त जलदान, अन्नदान, भूमिदान, वस्त्र एवं भोजन पदार्थ दान करने से उन्हें तृप्ति होती है। जोड़े सहित ब्राह्मणों को भोजन कराने से अनन्त फल की प्राप्ति होती है।
➡ 5. वैसे तो सभी पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है किंतु माघ मास की पूर्णिमा पर इसका महत्व बढ़कर बताया गया है। शाम को भगवान सत्यनारायण की पूजा कर, धूप दीप नैवेद्य अर्पण करें। भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें।
➡ 6. माघी पूर्णिमा पर दान का भी विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, मोदक, जूते, फल, अन्न आदि चाहिए।
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माघ मास के महत्त्वपूर्ण 3 दिन
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🙏🏻 पूरे माघ मास के पुण्यो की प्राप्ति सिर्फ तीन दिन में !
👉🏻 ~ माघ मास में त्रयोदशी से पूनम तक के तीन दिन (03, 04 और 05 फरवरी 2023) को अत्यंत पुण्यदायी तिथियाँ हैं~
🙏🏻 माघ मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे माघ मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है l
🙏🏻 सकाम भावना से माघ महीने का स्नान करने वाले को मनोवांछित फल प्राप्त होता है लेकिन निष्काम भाव से कुछ नही चाहिए खाली भागवत प्रसन्नता, भागवत प्राप्ति के लिए माघ का स्नान करता है, तो उसको भगवत प्राप्ति में भी बहुत-बहुत आसानी होती है |
🙏🏻 ‘पद्म पुराण’ के उत्तर खण्ड में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है कि व्रत, दान व तपस्या से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी माघ मास में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानमात्र से होती है।
🙏🏻 इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है l
🙏🏻 माघ मास का इतना प्रभाव है की सभी जल गंगा जल के तीर्थ पर्व के समान हैं |
🙏🏻 पुष्कर, कुरुक्षेत्र, काशी, प्रयाग में 10 वर्ष पवित्र शौच, संतोष आदि नियम पालने से जो फल मिलता है माघ मास में 3 दिन स्नान करने से वो मिल जाता है, खाली ३ दिन | माघ मास प्रात:स्नान सब कुछ देता है | आयु, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य, सदाचरण देता है |
💥 अतः माघ मास की त्रयोदश ( 03 फरवरी 2023 शुक्रवार ) चौदस ( 04 फरवरी 2023 शनिवार ) पूर्णिमा (05 फरवरी 2023 रविवार) को सूर्योदय से पूर्व स्नान ,विष्णु सहस्रनाम और श्रीमद भागवत गीता का पाठ विशेषतः करें और लाभ लें l
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वार के अनुसार शुभ होते हैं कुछ विशेष काम
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वैसे तो हर दिन शुभ होता है। अगर मन में शुभ विचारों हो, हमारे कर्म शुद्ध हो और नियत अच्छी हो तो कोई भी काम या समय अशुभ नहीं होता लेकिन ज्योतिष के अनुसार कुछ दिनों में कुछ कार्यों का किया जाना शुभ होता है और किन्हीं कार्यों का किया जाना निषिद्ध। आइए जानें क्या कहते हैं हमारे शास्त्र-
रविवार-
औषधि सेवन, सवारी, वाहन, नौकरी, स्वास्थ्य विचार, पशु खरीदी, यज्ञ-मंत्रोपदेश, दीक्षा, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, धातु की खरीदी,वाद-विवाद,न्यायिक सलाह शुभ है।
सोमवार-
कृषि खेती यंत्र खरीदी, बीज बोना, बगीचा, फल के वृक्ष लगाना, वस्त्र तथा रत्न धारण करना, औसत क्रय-विक्रय, भ्रमण-यात्रा, कला कार्य, स्त्री प्रसंग, नवीन कार्य, अलंकार धारण करना, पशुपालन, वस्त्र आभूषण का क्रय-विक्रय हेतु शुभ।
मंगलवार-
जासूसी कार्य, भेद लेना, ऋण देना, गवाही, विष कार्य, असद् कार्य, अग्नि विषयक कार्य, सेना, युद्ध, नीति-रीति, वाद-विवाद निर्णय, साहस कार्य आदि शुभ है किन्तु ऋण लेना शुभ नहीं है।
बुधवार-
ऋण देना अहितकर तथा शिक्षा-दीक्षा विषयक कार्य, विद्यारंभ अध्ययन, सेवावृत्ति, बहीखाता, हिसाब विचार, शिल्पकार्य, निर्माण कार्य, नोटिस देना, गृहप्रवेश, राजनीति विचार शुभ है।
गुरुवार-
ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा, धर्म न्याय विषयक कार्य, अनुष्ठान, विज्ञान, कानूनी व कला संकाय शिक्षा आरंभ, गृह शांति, मांगलिक कार्य, नवीन पद ग्रहण, आभूषण धारण, यात्रा, वाहन-यान चालन, औषधि सेवन व निर्माण शुभ साथ ही सफल ग्रहण शुभ है।
शुक्रवार-
सांसारिक कार्य, गुप्त विचार गोष्ठी, प्रेम व्यवहार, मित्रता, वस्त्र, मणिरत्न धारण तथा निर्माण, अर्क, इत्र, नाटक, छायाचित्र फिल्म, संगीत आदि कार्य शुभ भण्डार भरना, खेती करना, हल प्रवाह, धान्या रोपण, आयु ज्ञान शिक्षा शुभ है।
शनिवार-
गृहप्रवेश व निर्माण, नौकर-चाकर रखना, धातु लोह-मशीनरी, कलपूर्जों के कार्य, गवाही, व्यापार विचार, वाद-विवाद दुष्ट कार्य, वाहन खरीदना, सेवा विषयक कार्य करना शुभ परन्तु बीज बोना, कृषि खेती कार्य शुभ नहीं हैं।
नोट – पूजा पाठ,,महामृत्युंजय मंत्र जप,अनुष्ठान, रुद्राभिषेक, शांति पाठ, विवाह एवं अन्य पूजा पाठ कराने हेतु संपर्क करें -7677483366, 7677199990
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