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गाड़ी पर निर्गुण गीत बजते ही और राम नाम सत्य है का घोष सुनकर कोई भी समझ सकता है कि यह किसी की अंतिम यात्रा हैं, लेकिन यह तो अंतिम यात्रा की जल्द तैयारी करने वाली शराब थी कभी कोई सोच भी नहीं सकता है, कि एम्बुलेंस के ताबूत में शव की जगह ब्रांडेड शराब की बोतलें रखी गई है।
और उसपर फूलों की हार पहना दी गई हो।
शराब माफियाओं के नये नये तरकीब से बिहार पुलिस की होश उड़ गए हैं।
अब कोई शव को उघार कर देखे तो नामुमकिन है लेकिन पुलिस ने यह मुमकिन किया और शराब माफिया रंगे हाथों पकड़े गए।
बिहार के नालंदा में राजगीर थाना पुलिस ने एंबुलेंस के अंदर रखे एक ताबूत से शराब की खेप बरामद की। धंधेबाज ताबूत में शव की जगह शराब लेकर झारखंड से आ रहे थे।
शराब लाने के लिए अनेकों तरीकों का इस्तेमाल तस्कर करते हैं। लेकिन सूबे में शराब लाने का यह तरीका पहली बार सामने आया है।
पुलिस ने शराब लोड एंबुलेंस को जब्त कर ड्राइवर सहित दो धंधेबाजों को गिरफ्तार कर लिया है। ताबूत से कीमती ब्रांडों की कुल 186 बोतल शराब बरामद हुई है।
बताया जाता है कि बरामद शराब में 36 बोतल डिफेंस सर्विस के लिए सप्लाई होने वाली भी हैं।
इस खेप को झारखंड के रांची से मुजफ्फरपुर ले जाया जा रहा था।
गिरफ्तार तस्कर झारखंड के गिरिडीह जिला के बगोदर थाना क्षेत्र के दामा गांव निवासी मोहन शर्मा उर्फ मोहन मिश्रा का पुत्र मदन शर्मा उर्फ मदन मिश्रा, चालक बोकारो थर्मल के जारंगी गांव निवासी स्व. प्रदीप कुमार का पुत्र पुनल कुमार सिंह है