BIHAR: थाना पहुंचे लोगों को अब नहीं करना होगा ‘बड़ा बाबू’ का इंतजार, DGP आरएस भट्टी ने दिया ये सख्त निर्देश :

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Bihar के डीजीपी आरएस भट्टी ने थाना पहुंचे पीड़ितों को त्वरित राहत दिलाने और अपराध की रोकथाम को लेकर सभी थानों को सख्त निर्देश जारी किया है। उन्होंने खासतौर से कहा है कि थाना आने वाले किसी व्यक्ति या पीड़ित का बिना कोई टालमटोल किए उनकी हर समस्या का समाधान करें।

कोई मामला हो या किसी अन्य तरह की समस्या, उसका तुरंत समाधान करें। बिहार में यह आम समस्या है कि थाना पहुंचने वालों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अक्सर थानेदार के नहीं रहने पर कार्रवाई में टाल मटोल की घटनाएं होती रहती हैं।

राज्य के किसी थाने के बारे में लापरवाही से संबंधित शिकायत सामने आने पर संबंधित पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी थाने में थानेदार या थाना प्रभारी के मौजूद नहीं होने पर किसी व्यक्ति को उनके इंतजार में बैठाया नहीं जाएगा।

थाना प्रभारी की अनुपस्थिति में जो भी सीनियर उप-थानाध्यक्ष होंगे, वे संबंधित पीड़ित की समस्या का समाधान करेंगे, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए और न ही कोई बहानेबाजी चलेगी।

डीजीपी भट्टी ने कहा कि सभी थानाध्यक्ष हर हाल में जनता से मिले और उनकी समस्या का समाधान करें। उनकी गैर-मौजूदगी में यह काम वरीय उप-थानाध्यक्ष उतनी ही शिद्दत से करेंगे।

थाना स्तर पर कोई व्यक्ति परेशान नहीं हो। राज्य के सभी थानों में एक थानाध्यक्ष और उनके नीचे दो उप-थानाध्यक्ष होते हैं। इसमें एक विधि-व्यवस्था और दूसरा अनुसंधान की जिम्मेदारी संभालते हैं। यह व्यवस्था राज्य के सभी 1097 थानों में करीब तीन साल पहले से लागू है।

डीजीपी ने याद दिलाया कि थानों में यह व्यवस्था सुचारू तरीके से नहीं चल रही है। डीजीपी ने सभी थानों को यह व्यवस्था बहाल रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिन थानों में थानाध्यक्ष किसी कारण से नहीं हैं, तो वहां मौजूद दोनों उप-थानाध्यक्षों में सीनियर को इसका प्रभार सौंप दिया जाए।

डीजीपी आरएस भट्ठी गुरुवार रात साढ़े दस बजे मुजफ्फरपुर सर्किट हाउस पहुंचे। एसएसपी राकेश कुमार व अन्य पुलिस अधिकारियों ने डीजीपी का स्वागत किया। डीजीपी सुबह सबसे पहले गन्नीपुर स्थित एफएसएल पहुंचेंगे।

यहां आपराधिक कांडों में एफएसएल के सहयोग का हाल देखेंगे। गन्नीपुर एफएसएल में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों के नमूने पेंडिंग हैं। पुलिस बगैर एफएसएल जांच के दर्जनों कांडों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसके आलावा शराब की जांच भी काफी धीमी है। हत्याकांड में जब्त बेसरा की जांच भी लंबित हैं।

इसकी समीक्षा करने के बाद डीजीपी आईजी कार्यालय पहुंचेंगे। पहले रेंज के सभी पुलिस कप्तान के साथ बैठक होगी। डीजीपी ने चार माह पहले सभी पुलिस कप्तानों को 28 बिंदुओं पर कार्रवाई निर्देश दिया था। उस पर कितना काम इसकी समीक्षा करेंगे।

साथ ही लूट, डकैती, हत्या, रंगदारी, दुष्कर्म आदि वृहत अपराध के मामले में की गई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। एसएसपी और एसपी के साथ बैठक के बाद रेंज के सभी डीएसपी के साथ डीजीपी बैठक करेंगे। इसमें इंस्पेक्टर और थाना स्तर पर कार्रवाई की रिपोर्ट लेंगे। आईजी कार्यालय में बैठक समाप्त होने के बाद डीजीपी पुलिस लाइन जाएंगे, जहां रेंज के 300 से अधिक पुलिस कर्मियों के साथ पुलिस सभा करेंगे।

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