Share this
Patna हाईकोर्ट द्वारा जातीय जन-गणना पर रोक लगने के बाद अब बिहार सरकार ने सभी जिलाधिकारी कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया है। गुरुवार शाम बिहार सरकार के उपसचिव रजनीश कुमार ने लेटर जारी की।
इसमें सभी जिलों के डीएम को निर्देश देते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने CWJC नं. 5542/ 2023 को बिहार जाति आधारित गणना 2022 की प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया है।
अब तक कलेक्ट किए गए डाटा को गोपणीय रखा जाए
इसमें कोर्ट ने लिखा कि जाति आधारित गणना को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और अब तक कलेक्ट किए गए डाटा को गोपणीय रखा जाए। इसे कहीं भी शेयर नहीं किया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए पारित न्याय निर्णय का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें और अपने स्तर से सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक निर्देश दें।
जानिए पटना हाईकोर्ट के आदेश से पहले सीएम नीतीश क्या बोले
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका जाति गिनती भी हो जाए, आर्थिक स्थिति की भी जानकारी मिल जाए। किसी भी जाति या समुदाय का हो। हमलोगों तो सबके हित में गणना कर रहे हैं। कोई कैसे विरोध कर रहा, यह समझ नहीं आ
अंग्रेजों के जमाने में तो जातीय गणना होती ही थी। 1931 में यह गणना बंद हो गई। अब तो जो हर 10 साल पर भी होता था, वह भी नहीं हो रहा। जो गिनती देश में होती है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय और उनकी अलग-अलग जातियों की भी गिनती होती है। इसके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति की भी गिनती होती है। अब इतने लोगों की गिनती होती है तो हमलोगों ने कहा कि सब जाति की गिनती हो जाए चाहे वह पिछड़ा हो या ऊंची जाति के हों। अगर गणना हो जाए तो इससे नुकसान किसको है। सबके हित में हो रहा है। कोई किसी भी जाति का हो या किसी भी धर्म का हो, बिहार सरकार उनकी आर्थिक स्थिति की सुधार के लिए पहल कर रही है।