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ब्रॉडसन के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में दर्ज मामले की अब इओयू जांच करेगी. इओयू ने शुक्रवार को पूरे मामले को टेक ओवर कर लिया. इओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इस बात की आज जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि ब्रॉडसन कॉमोडिटिज प्राइवेट लिमिटेड और बालू सिंडिकेट से जुड़ी सहयोगी कंपनी आदित्य मल्टीकॉम ने बिना चालान के 122 करोड़ रुपये के बालू उठाव कर बेच दिये. जिला खनन कार्यालय भोजपुर की ओर से कोईलवर में दर्ज कराये गये मामले के अनुसार ब्रॉडसन कंपनी ने फरवरी 2020 से अगस्त 2020 यानी महज सात महीने में पटना, भोजपुर और सारण जिले के बालू घाटों से 253 करोड़ रुपये से अधिक की बालू बेची गयी.
83.52 करोड़ के बालू का बिना किसा चलान के किया
इसमें से 83.52 करोड़ के बालू का उठाव बिना किसी चालान के कर लिया गया. इसी तरह, बालू सिंडिकेट से जुड़े पश्चिम बंगाल की कंपनी आदित्य मल्टीकॉम को रोहतास और औरंगाबाद जिले में बालू खनन की बंदोबस्ती मिली है. इस कंपनी ने अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 की अवधि यानी पांच महीने में कुल 90.92 करोड़ रुपये के बालू का उठाव किया. जिसमें से 38.71 करोड़ रुपये से अधिक का बालू बिना चालान के भेजा. औरंगाबाद के दाउदनगर थानाध्यक्ष को सहायक निदेशक, खान एवं भूतत्व औरंगाबाद की ओर से भेजी गयी शिकायत में बताया गया है कि इस कंपनी के खिलाफ जुलाई 2021 से सितंबर 2021 के बीच मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन बालू की अवैध बिक्री एफआइआर के एक साल पहले यानी अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 के बीच की गयी है.
इडी की जांच में खुलासा होने के बाद कराया गया मामला दर्ज
इडी ने औरंगाबाद और भोजपुर जिला खनन कार्यालय को 16 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर 2020 में हुए इस घोटाले का पूरा ब्योरा दिया है. जिसके बाद भोजपुर जिला खनन कार्यालय की ओर से 21 पन्नों की रिपोर्ट संलग्न करते हुए शिकायत दर्ज करायी गयी है. जिसमें बताया गया है कि जिला खनन पदाधिकारी द्वारा जारी किये गये इ-चालान से जब बालू के उठाव का मिलान किया गया तो इस घोटाले का खुलासा हुआ. वहीं औरंगाबाद खनन कार्यालय की ओर से 18 पेज की जांच रिपोर्ट शिकायत में संलग्न की गयी है.
ब्रॉडसन के खिलाफ दर्ज केस इओयू ने किया टेकओवर
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने ब्रॉडसन कॉमोडिटिज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ दर्ज मामले को टेकओवर कर लिया है. यह मामला बिना परिवहन चालान के अवैध रूप से बालू ढुलाई कर करीब 83.52 करोड़ रुपये की सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाने से संबंधित है. इओयू के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) नैय्यर हसनैन खान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस कांड का अनुसंधान इओयू ने तत्काल अपने हाथ में ले लिया है. केस की जांच के लिए डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को आइओ बनाया गया है. उच्च पदाधिकारियों के स्तर पर केस की लगातार मॉनिटरिंग होगी. अनुसंधान से जुड़े पदाधिकारी को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं.