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मधुबनी जिला के जयनगर के कमला नदी में पितृ पक्ष को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पितरों को जलअर्पित कर तर्पण किया। पितरों का स्मरण किया और विधि विधान से श्राद्ध पूजा आयोजित की। पितरों की मोक्ष की कामना के लिए उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। यहां श्राद्ध पूजा करने का विशेष महत्व है।
इसी महत्व के चलते बलुआटोल,बल्डीहा,बेला,बैतोन्हा,अकौन्हा,कमलारोड,पिठवाटोल,उसराही,देवधा,जयनगर बस्ती व अन्य इलाकों के अलावा क्षेत्रीय लोग भी पितरों का तर्पण कराने और श्राद्ध पूजा के लिए पहुंचते हैं।
कमला नदी में खड़े होकर कुश हाथ में लेकर लोग पितरों का तर्पण कराते नजर आए। पितरों की मुक्ति के लिए परिजनों ने अनुष्ठान कराया।
इस बाबत पंडित राजू तिवारी ने बताया कि हिंदू संस्कृति में श्राद्ध पक्ष मनाया जाता है, जो भाद्र मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। दिन की विभिन्न तिथियों में पूर्वजों को प्रतिदिन जल तर्पण करते हुए गुजरे हुए पूर्वजों की पुण्यतिथि वाले दिन श्राद्ध करने का प्रावधान है। इसी को लेकर श्राद्ध पक्ष में जलाशयों और नदियों के किनारे परिवार के लोग पहुंचकर पूर्वजों को जल तर्पण कर रहे हैं।
बता दे कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जाती है। इस साल यह तिथि 17 सितंबर से आरंभ होकर 2 अक्टूबर तक होगी। पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होता है और समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। इसके अगले दिन से नवरात्र का आरंभ हो जाता है यानी कि नवरात्र इस साल 3 अक्टूबर से शुरू होंगे।