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कलुआही/ शारदीय नवरात्रि को लेकर जिले के कलुआही प्रखंड के राढ विराटपुर में राजा विराट के गढ़ पर भव्य पंडाल निर्माण के साथ ही अन्य तैयारी शुरू कर दी गई है। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। पूजा को लेकर स्थानीय उप प्रमुख चंदन प्रकाश यादव के नेतृत्व में युवा समिति द्वारा तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।
जहां पंडाल में साज सज्जा और मंदिर में अभी से रंग रोगन शुरू कर दिया गया है। मंदिर को हर साल नया लूक दिया जाता है। नवरात्रि को लेकर भक्तों में अभी से काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। उमंग उत्साह के साथ श्रद्धालु पूजा की तैयारी में जुट गए है। सनातन धर्म में नवरात्रि विशेष पर्व माना गया है। संस्कृति के लिये गए इस शब्द का अर्थ होता है, नौ रातें।
नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। राजा विराट गढ़ के पुजारी हनुमान दास ने बताया कि 03 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ ही पूजा 11 अक्टूबर तक होना है। 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजय दशमी है। यहां माता वैष्णवी रूप में विराजमान है, पूजा को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। मान्यता यह है कि नवरात्रि में नौ देवियों की उपासना करने से परिवार में शांति व सौहार्द का वातावरण रहता है और सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
जिससे सभी कार्य सफल होते हैं, और धन-ऐश्वर्य का आगमन होता है। नवरात्रि व्रत करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि राजा विराट गढ़ महाभारत काल से जुड़ा हुआ रहस्यमयी धरोहर है, यहां महादेव का विशाल शिवलिंग है, जो सौंदयीकरण और विकास के बिना वीरान पड़ा हुआ है। लेकिन दुर्गा पूजा, शिवरात्रि और सावन मास में हजारों के संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते है।