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मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से पांच किमी दूर जयनगर-दरभंगा राष्ट्रीय राज्य मार्ग-527बी किनारे स्थित दुल्लीपट्टी गांव में 198 वर्षों से शारदीय नवरात्र पूजा होती है। क्षेत्र में दुर्गा पूजा का सबसे प्राचीन इतिहास रहा है। मंदिर के पुरोहित मुंबई में कार्यरत पंडित राम पूजन झा, ज्योतिषाचार्य पंडित राज कुमार झा के मुताबिक इलाके में सबसे पहले दुर्गा पूजा की शुरुआत दुल्लीपट्टी गांव से ही हुई।
198वां दुर्गा पूजनोत्सव 2024 में प्रारंभ करने के लिए दुर्गा पूजा समिति दुल्लीपट्टी पंचायत के मुखिया सह दुर्गा मंदिर के पदेन अध्यक्ष रुपम कुमारी,सचिव विरेन्द्र यादव,कार्यकारी अध्यक्ष गंगा गुप्ता,पूर्व मुखिया चंन्द्र मोहन सिंह ने मंदिर प्रवेश कराकर माता के पूजा स्थल पर पहुंच कर पूजा कार्य प्रारंभ करने के लिए योगदान करवाया।
इस मौके पर यजमान गणेश झा, सहायक पुरोहित गोविंद झा, पूजा प्रभारी विकास झा,कोषाध्यक्ष मोनू सिंह,सह कोषाध्यक्ष सोनू सिंह,राजकुमार साह, संजीव पंडित सहित अनेकों माता के भक्त उपस्थित रहे।
ज्ञात हो कि दुर्गा मंदिर के मुख्य पुरोहित पंडित रघुनाथ झा का देहांत हो जाने और उनके पुत्र अखिलेश झा के द्वारा मुख्य पुरोहित का कार्य स्वयं और पुरोहित परिवार से किसी व्यक्ति के द्वारा पुरोहित के कार्य करने में खेद व्यक्त करने पर ग्रामीणों के राय पर दुर्गा पूजा समिति ने उन्हें मुख्य पुरोहित नियुक्त किया है।
मधुबनी के मूर्तिकारों का दल के द्वारा मां भगवती सहित देवी देवताओं की प्रतिमा निर्माण किया गया हैं, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। हर साल कि भांति इस साल भी पूजा कमिटी के सचिव के नेतृत्व में कमिटी के कार्यकर्ता व ग्रामीण व्यवस्था में जुटे हुए हैं।
दुल्लीपट्टी गांव में दुर्गा पूजा का महत्व अन्य स्थानों से कई मामलों में खास माना जाता है। इस वर्ष भी एनएच किनारे सड़क के दोनों ओर पूरे गांव में सजावट सजाया गया हैं।
भव्य व विशाल पंडाल को रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों से जगमगाया गाया है। मनमोहक सजावट व धार्मिक स्थान में विधि-विधान से पूजा अर्चना दुल्लीपट्टी के इस दुर्गा माता मंदिर की विशिष्ट पहचान है। दशहरा का सबसे बड़ा मेला यहीं लगता है व आस्था के केंद्र दुल्लीपट्टी दुर्गा मंदिर में नवरात्र पर श्रद्धालुओं में भक्ति व उल्लास देखते ही बनता है। जन भावना है कि सबसे प्राचीन होने के कारण क्षेत्र के श्रद्धालु नवरात्र में देवी माता के दर्शन व उल्लास देखते ही बनता है। जन भावना है कि सबसे प्राचीन होने के कारण क्षेत्र के श्रद्धालु नवरात्र में देवी माता के दर्शन व आराधना को यहां अवश्य पहुंचते हैं।
पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। जयनगर अनुमंडल क्षेत्र में दुल्लीपट्टी गांव में दुर्गा पूजा होने का इतिहास काफी पुराना है। सबसे पहले दुल्लीपट्टी में ही नवरात्र पूजा हुई।
198 वर्षों से लगातार नवरात्र पूजा हो रहा है।