शिवाष्टकम,, नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।।

इस पवित्र मंत्र को पढ़ने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। ।।अथ शिवाष्टकम।। नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।।निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।।करालं महाकाल कालं कृपालं।गुणागार…