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- भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के साथ करवाचौथ का व्रत संपन्न
- रात में सात बजकर दो मिनट के बाद व्रत पूरा होने पर व्रतियों ने जल ग्रहण किया
मधुबनी
सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रख कर अपने पति की लंबी आयु व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रविवार को करवा चौथ का व्रत रखा। सुबह से ही महिलाएं स्नान करने के उपरांत करवा चौथ से पूर्व होने वाली भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना की तैयारी में जुटी थी।
शाम ढलते ही पहले भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा की गई और इसके बाद चांद का दीदार कर पति की लंबी आयु की प्रार्थना करने के बाद रात सात बजे के बाद व्रत तोड़कर जल ग्रहण किया। आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से यह त्योहार दूर है। शहर में रह रही सुहागिन महिलाओं में करवा चौथ थ मनाने का चलन साल दर साल बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है।
मालूम हो कि हिंदू संस्कृति में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। सुहागिन महिलाएं पूजा से पूर्व दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, कुंकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मेंहदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, करवा आदि करवाचौथ मनाने से पहले अपने पूजा घर में रखती दिखी।