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पदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों के लिए बड़ा आदेश जारी किया है.।
जिलाधिकारियों को मौसमी बदलाव यानी सर्दी और शीतलहर तथा पाला से उत्पन्न होने वाली स्थिति को लेकर कई अहम निर्देश जारी हुए हैं.।
सभी डीएम को कहा गया है कि गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों की शीतलहर से सुरक्षा के लिए रैन बसेरों / अस्थायी शरण स्थलों की व्यवस्था करनी होगी. ।
शहरी क्षेत्रों में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, दूरों, असहायों, आवास विहीनों एवं सदृश्य श्रेणी के गरीब, निःसहाय व्यक्तियों के रहने हेतु रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था की जाय।
वहीं जहाँ रैन बसेरे उपलब्ध न हों, वहाँ जिले में उपलब्ध पॉलीथीन शीट्स, टेंट, तारपोलीन शीट्स का उपयोग कर आवश्यकतानुसार अस्थायी शरण स्थली बनायी जाय।
रैन बसेरों एवं अस्थाई शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में कम्बल रखे जाएँ। रैन बसेरों एवं अस्थाई शरण स्थलों में सुरक्षा मानकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाय।
शरण स्थली से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय, ताकि जन सामान्य को इसकी पूर्ण जानकारी रहे तथा वे सरकार द्वारा एतद् संबंधी की गई व्यवस्था का पूरा लाभ उठा सकें तथा इस व्यवस्था की मौनेटरिंग / निगरानी की जाय। रैन बसेरों की व्यवस्था एवं रख-रखाव स्थानीय नगर निकायों के माध्यम से होगी।
आवासहीन गरीबों, रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, निःसहाय व्यक्तियों एवं ऐसे सदृश्य श्रेणी के लोगों के बीच आवश्यकतानुसार कम्बल का वितरण किया जाय। कम्बल की व्यवस्था समाज कल्याण विभाग द्वारा की जाएगी।
डीएम को कहा गया है कि जिला विशेष में ज्यों ही शीतलहर प्रारंभ हो, जिला पदाधिकारी के द्वारा अपने विवेक से गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों को शीतलहर के प्रकोप से बचाने हेतु आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में अलाव की व्यवस्था जिला मुख्यालय से लेकर प्रखण्ड स्तर तक सभी शहरी एवं अर्द्धशहरी स्थानों में की जाएगी।
अलाव की व्यवस्था करते समय जिला पदाधिकारी के द्वारा यह ध्यान रखा जाय कि अलाव ऐसे स्थानों पर जलाया जाय जहाँ अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग निवास करते हों या एकत्र होते हों यथा धर्मशालाएँ, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रिक्शा एवं टमटम पड़ाव, चौराहा, रेल/बस स्टेशन आदि।
साथ ही, अन्य सार्वजनिक स्थानों में अलाव जलाया जाय जहाँ अधिक से अधिक प्रभावित लोगों को लाभ मिल सके। अलाव के लिए चिन्हित स्थलों की सूचना का व्यापक प्रचार-प्रसार मिडिया के माध्यम से कराया जाय। अलाव की व्यवस्था हेतु सभी जिलों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राशि आवंटित की जाएगी।