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सीएम नीतीश कुमार ने 9 नवम्बर 2016 को मोतिहारी जिले के अरेराज नगर पंचायत के वार्ड 03 में सात निश्चय योजना के अंतर्गत यात्रा के दूसरे दिन इसका शुभारंभ किया था। हालांकि, सीएम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण, इस योजना की शुरुआत के आठ वर्ष बाद भी स्थानीय लोग नलजल योजना के शुद्ध पेयजल से वंचित हैं।
नगरवासियों का कहना है कि सीएम की ड्रीम प्रोजेक्ट नलजल योजना अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के कारण भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है। नलजल योजना में इतनी खराब गुणवत्ता का कार्य हुआ कि निर्माण के साथ ही पाइप फटने जैसी समस्याओं के कारण कभी भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो सका। वार्ड पार्षदों के अनुसार, वार्ड 08, 14, 11, और 06 में आधी आबादी को आज तक कनेक्शन नहीं मिला है। वहीं, वार्ड 01 के वार्ड पार्षद का कहना है कि तीन वर्षों में नलजल योजना एक महीने के लिए भी सुचारू नहीं रही है और अभी भी यह बंद है। वार्ड 10 के वार्ड पार्षद भी इसी स्थिति की पुष्टि करते हैं।
वार्ड 02 और 03 में जनजल योजना की स्थिति अत्यंत खराब है। वहीं, वार्ड 11, 07 सहित कुछ अन्य वार्डों में नलजल योजना सक्रिय है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अरेराज नगर पंचायत के 14 वार्डों के लिए नलजल योजना का निविदा वर्ष 2017 में किया गया था। वर्ष 2021 तक कार्य पूरा न होने पर तत्कालीन एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा ने बार-बार समीक्षा बैठकें आयोजित कीं और संवेदक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद, नलजल कार्य कागजी रूप से पूरा कर संवेदक ने इसे नगर पंचायत को सौंप दिया। लेकिन कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि आधे से अधिक वार्डों में नलजल व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी।
अरेराज नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी निखिल कुमार ने जानकारी दी कि जो भी परिवार नलजल योजना से वंचित हैं, उनके लिए सर्वेक्षण कराकर टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। इसके अलावा, जहां भी नलजल की खराबी की सूचना मिलती है, उसे तुरंत ठीक किया जाता है। जिन स्थानों पर नलजल में समस्या है, उन्हें शीघ्रता से सुधारने का कार्य किया जाएगा।