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बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में चेतना सत्र के दौरान लाउडस्पीकर का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश शुक्रवार को जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी किया गया है।
विभाग का कहना है कि कई स्कूलों में लाउडस्पीकर उपलब्ध होने के बावजूद उसका उपयोग नहीं हो रहा है, जो निरीक्षण के दौरान सामने आया है।
क्यों जरुरी है निर्देश?
इस निर्देश का उद्देश्य अभिभावकों और स्थानीय समुदाय को स्कूल की गतिविधियों से अवगत कराना है, ताकि बच्चे समय पर स्कूल पहुंचें और उनके माता-पिता स्कूल की स्थिति पर नजर रखें। शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल चेतना सत्र में सुनिश्चित किया जाए।
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उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अगर किसी स्कूल में लाउडस्पीकर की सुविधा नहीं है, तो उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, यदि लाउडस्पीकर खराब हो, तो उसे शीघ्र ठीक करवाया जाए। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई स्कूलों में लाउडस्पीकर होने के बावजूद उनका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जो कि विभाग के लिए चिंता का विषय है।
माता-पिता होंगे प्रेरित
लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से अभिभावकों को स्कूल की गतिविधियों की जानकारी मिल सकेगी और वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित होंगे। इसके साथ ही, आसपास के गांववाले भी स्कूल की गतिविधियों से परिचित होंगे, जिससे स्कूल और समुदाय के बीच संवाद मजबूत होगा। इस कदम से बच्चों के समय पर स्कूल पहुंचने में भी मदद मिलेगी, जो कि शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य है।