
Share this
भारत में 76वें गणतंत्र दिवस का उत्साह हर जगह देखने को मिल रहा है। भारत शुरू से ही एक समृद्ध और संपन्न देश रहा है। इसी कारण अंग्रेजों ने भारत को अपना निशाना बनाया और यहां अपनी कॉलोनियां स्थापित कीं।
अग्रेजों ने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया। उन्होंने भारत और भारतीयों को अपना गुलाम बना लिया था। भारत में अंग्रेजों के नियम और कानून लागू किए गए। भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। यह इतिहास हर कोई जानता है। लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य भी था जो कभी भी अंग्रेजों का गुलाम नहीं बना। आइए जानते हैं वह राज्य कौन सा है।
इस राज्य के बारे में जानने से पहले भारत के सभी राज्यों के बारे में जानते हैं। भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। 24 अगस्त 1608 को अंग्रेज पहली बार व्यापार के उद्देश्य से सूरत आए। उनका उद्देश्य भारत में व्यापार करके भारतीय संपत्ति को हड़पना था। यहां के संसाधनों को अपने देश ले जाना था। 1615 में अंग्रेजों ने थॉमस रो को जहांगीर के दरबार में अपना राजदूत बनाकर भेजा, जिसके बाद उन्हें भारत में व्यापार करने की अनुमति मिली। इस तरह अंग्रेजों ने भारत में प्रवेश किया। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने भारत पर कब्जा करना शुरू किया।
भारत में एक ऐसा राज्य था जिसे अंग्रेज कभी गुलाम नहीं बना सके। इसका कारण यह था कि अंग्रेजों से पहले पुर्तगाली भारत आ चुके थे। इस राज्य में पुर्तगालियों की उपस्थिति के कारण अंग्रेज यहां प्रवेश नहीं कर सके। इस राज्य का नाम गोवा है। 1498 में वास्को डा गामा भारत के कालीकट तट पर पहुंचे थे। अंग्रेज कभी भी गोवा राज्य पर शासन नहीं कर सके। इस दौरान अंग्रेजों और पुर्तगालियों के बीच कई युद्ध हुए। हालांकि, गोवा राज्य कभी भी अंग्रेजों के अधीन नहीं रहा। वहीं, पुर्तगाली भारत में सबसे पहले आने वाले और सबसे बाद में जाने वाले विदेशी थे। वे लगभग 400 वर्षों तक भारत में रहे।