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डेरा प्रमुख रामरहीम पर चल रहे रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुनारिया जेल में बंद राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। सभी दोषियों को 12 अक्तूबर को सजा सुनाई जाएगी।
इस मामले में बाबा राम रहीम समेत कृष्ण लाल, जसवीर, सबदील और अवतार भी आरोपी हैं जो शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
इस मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया। अदालत ने इस मामले में पहले फैसला 26 अगस्त को सुनाना था। अभियोजन पक्ष के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी हो गई थी। सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
2003 में की गई थी सीबीआई जांच की मांग
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों पर केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे।
बता दे कि गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में पहले ही 20 साल की सजा हो चुकी है और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में वह उम्रकैद की सजा सुनारिया जेल में काट रहा है। राम रहीम को इससे पहले सीबीआई जज रहे जगदीप सिंह ने सजा सुनाई थी। जगदीप का इसी साल ट्रांसफर हो गया था। उनकी जगह चंडीगढ़ में सीबीआई जज रहे डॉ. सुशील गर्ग को पंचकूला सीबीआई विशेष अदालत में नियुक्त किया गया है।