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स्वास्थ्य विभाग की हाई लेवल बैठक के बाद एहतियाती गाइडलाइन जारी कर दी गई हैस्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है।
मंकीपाक्स का लक्षण–
1-बार-बार तेज बुखार आना।
2-पीठ और मांसपेशियों में दर्द।
3-त्वचा पर दानें और चकते पड़ना।
4- खुजली की समस्या होना।
5-शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना।
मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है।संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना। गला खराब होना और बार-बार खांसी आना।
कैसे फैलता है संक्रमण
मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में पंकीपाक्स के लक्षण हैं तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए। मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से भी हो सकता है।
मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है। मंकीपाक्स को यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे कम जोखिम वाला वायरस बताया है।