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बिहार में आग उगल रहे सूरज देवता शुक्रवारसुबह अन्य दिनों की तरह नहीं निकले थे। बादलों के संग लुकाछिपी के कारण मौसम सुहाना था। हालांकि, 11 बजे के बाद तेज धूप ने यह आस तोड़ दी।
शाम होने तक गर्मी अन्य दिनों की तरह ही बनी रही, पर देर रात वर्षा की बूंदों ने तपती धरती को थोड़ी शीतलता प्रदान कर दी।
पटना समेत वैशाली, सारण में देर रात तेज हवा के साथ बारिश हुई। हवा की गति 40-50 किमी प्रतिघंटा रही। वहीं, नवादा, नालंदा, भोजपुर जिले के कुछ भागों में वर्षा ने लू से राहत दी।
पटना व आसपास इलाकों में तेज हवा के कारण कुछ समय के लिए बिजली गुल हो गई। प्रदेश में बीते पांच दिनों से लू चल रही थी।
राजधानी समेत प्रदेश में बीते दो सप्ताह से लोग तीखी धूप और भीषण गर्मी से परेशान थे। वर्षा से राजधानी समेत प्रदेश के 28 जिलों के अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री की कमी आई है।
पटना का अधिकतम तापमान शुक्रवार को चार डिग्री नीचे आने के साथ 39.3 डिग्री दर्ज किया गया। 40.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार शनिवार व रविवार को भी 26 जिलों में आंशिक वर्षा हो सकती है। कुछ जगहों पर मेघ गर्जन के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी की चेतावनी है।
24 अप्रैल को राज्य के अधिसंख्य जिलों में ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली और गरज के साथ वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा द्वारा शुक्रवार को 26 अप्रैल तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि पूर्वानुमानित अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। अगले 24 से 48 घंटों में उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर बूंदाबांदी हो सकती है।
48 घंटों के बाद भी 25 अप्रैल के आसपास मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने की संभावना है। उसके बाद मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है।
बूंदाबांदी की संभावना को देखते हुए किसान बरतें सावधान किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि अगले 24 से 48 घंटोें में कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी
की संभावना को देखते हुए कृषि कार्यो में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। गेहूं, अरहर तथा रबी मक्का की कटनी तथा सुखाने का काम सावधानी पूर्वक करें। पिछले माह बोयी गई मूंग और उड़द की फसलों में निकाई-गुड़ाई एवं बछनी करें। इन फसलों में सघन रोमोवाली सुंडिया की निगरानी करें।
इनके सुंडियों के शरीर के उपर काफी घने बाल पाये जाते है। यह मूंग एवं उड़द के पौधों के कोमल भागों विशेषकर पत्तियों को खाती है। इनकी संख्या अधिक रहने पर कभी-कभी केवल डंठल ही शेष रह जाती है। इस प्रकार इस कीट से फसल को काफी नुकसान एवं उपज में काफी कमी आती है।
रोकथाम के लिए फसल में मिथाइल पैराथियान 50 ईसी दवा का 2 मिली प्रति लीटर या क्लोरपाईरिफास 20 ईसी दवा का 2.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर फसल में छिड़काव करें।