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वंदे मातरम ज्ञान निधि संस्थान की ओर से 38 वी सावन महोत्सव मानवाधिकार संघ के सदस्य और समाज सेवी आनंद मोहन झा एव निर्माता निर्देशक फिल्म अरविंद रंजन दास उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर संपन्न हुआ।
उद्घाटन भाषण में आनंद मोहन झा ने सावन के महत्व की चर्चा की। मुख्य अतिथि फिल्म निर्माता निर्देशक अरविंद रंजन दास ने कहा की बिहार में खास करके शिव मंदिरों में जिस तरह सावन माह में जलाभिषेक पूजा अर्चना किया जाता है वह बड़ा ही मनोरंजक दृश्य नजर आता है।
साथी हमें बताया कि उनकी फिल्म ” एक सूरत है मेरी आंखों में”9 अगस्त को रिलीज हो रही है जो देखने लायक है।
अन्य विशिष्ट अतिथि सिने अभिनेता ऋषभ कुमार, अभिनेत्री पूजा कुमारी और लोकगायक रवि रंजन थे।
अतिथियों के हाथों इस सावन महोत्सव पर “बिहार श्री रत्न”अवार्ड आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के वरिष्ठ कलाकार धनंजय पांडे, गायक सुरेंद्र कुमार, समाजसेवी संजय कुमार, आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर मनोज कुमार पांडे,लोक गायक सुरेंद्र प्रसाद, प्रख्यात समाजसेवी आनंद मोहन झा, एक सूरत है मेरी आंखों फीचर फिल्म के अभिनेता ऋषभ कुमार और अभिनेत्री पूजा कुमारी को सम्मान स्वरूप ट्रॉफी और सम्मान पत्र दिया गया।
पूर्ण रूप से हरी साड़ी में महिलाओं द्वारा क्विज प्रतियोगिता किया गया,जिसमें नृत्य निर्देशिका रेखा कुमारी प्रथम सावन क्वीन, नीलू कुमारी को द्वितीय सावन क्वीन का खिताब से नवाजा गया।
रंग बिरंगे परिधानों में लड़कियों महिलाओं ने शिव शंकर भोले पर भी नृत्य किया।
देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसमें दूरदर्शन के धनंजय पांडे, सुरेंद्र प्रसाद, एलिजा बानो,विनोद पंडितअन्य कलाकारों ने संगीत समारोह में चार चांद लगा दिया।
अन्य कलाकारों में निशा कुमारी, आफसरा परवीन, गीता कुमारी, शकीला खातून, रंजना कुमारी, मुकद्दरन परवीन,सोरभी कुमारी, आहना राज, स्मृति कुमारी, अंजली कुमारी,आरती कुमारी, मोनी कुमारी,अंशु कुमारी, रेखा कुमारी प्रमुख थी।भोले के देखला देखले भेल जियरा और कैसे खेले जयबू पर भावनृत्य काफी ही अच्छा रहा।
सीमा राय की कजरी एलिज़ा बानो सावन गीत गाकर के लोगों का दिल जीत लिया।
इस सावन महोत्सव के अंत में धनबाद ज्ञापन रंजीत रंजन ने किया।