Share this
लोकसभा चुनावों में तीन सीटों पर जीत दर्ज कराने वाली प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अब 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। अब 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं।
अब वे विधानसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। तमाम राजनीतिक दलों की भांति प्रदेश अध्यक्ष का ध्यान चुनाव के पहले जहां अपनी जमीन मजबूत करने पर है वहीं जनता के बीच जाकर उन्हें अपनी नीतियों और कार्यो का ब्योरा की तैयारी में हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बिहार भ्रमण पर निकलने की योजना
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह 14 जनवरी के बाद बिहार भ्रमण पर निकलने की योजना है। कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा जल्द ही संभव है।
पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि जनता डा. अखिलेश के कार्यो को नजर अंदाज नहीं करेगी। उनके नेतृत्व में सुस्त पड़ी कांग्रेस को एक नई दिशा मिली है। पार्टी नेता कहते हैंं कि प्रदेश अध्यक्ष का पद ग्रहण करने के बाद पहले वर्ष में बांका के मंदार पर्वत से 900 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले।
पार्टी के लिए अच्छी रणनीतिकार माने जाते हैं
महंगाई और इलेक्ट्रॉल बांड जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे। स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ पहली आवाज डॉ. अखिलेश के नेतृत्व में उठाई गई।
पहली बार सदाकत आश्रम में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया।
इसी कड़ी में अब पार्टी अपने भावी कार्यक्रमों पर जोर लगा रही है ताकि चुनाव में आशा के अनुरूप सफलता प्राप्त की जा सके।
अखिलेश प्रसाद सिंह की सियासी पारी
- अखिलेश प्रसाद सिंह 2000 से 2004 तक अरवल में विधायक रहे
- वह आरजेडी से मोतिहारी से 14वीं लोकसभा (2004) के संसद सदस्य थे
- वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर 2009 में पूर्वी चंपारण का चुनाव हार गए थे
- 2014 में मुजफ्फरपुर से भी लोकसभा का चुनाव हार गए थे
- वहीं, 2015 का बिहार विधान सभा चुनाव भी तरारी निर्वाचन क्षेत्र से सुदामा प्रसाद से हार गए
- फिर 15 मार्च 2018 को, वह बिहार राज्य से राज्य सभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे
- केंद्रीय राज्य मंत्री – कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के रूप में काम कर चुके हैं