माना जाता है कि कार्तिक मास में कुछ विशेष चीजों का दान (Kartik month daan) करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप इस अवधि में किन विशेष चीजों का दान कर शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

HighLights
- 7 अक्टूबर से ही हो चुकी है कार्तिक महीने की शुरुआत।
- भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना जाता है कार्तिक माह।
- दान-पुण्य करने से मिलती है भगवान विष्णु की कृपा।
हिन्दू कैलेण्डर का आठवां महीना यानी कार्तिक माह (Kartik month 2025) को विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित माना गया है। इस बार कार्तिक माह की शुरुआत 7 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। इस माह में स्नान-दान का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आप प्रभु श्रीहरि की कृपा प्राप्ति के लिए कार्तिक के माह में इन चीजों का दान कर सकते हैं।
जरूर करें इन चीजों का दान
कार्तिक मास में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों व जरुरमंद लोगों के बीच अन्न और धन का दान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आप कार्तिक माह में सतनजा यानी सात प्रकार के अनाज का भी दान कर सकते हैं। इससे साधक को प्रभु श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है और उसके लिए धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

बनेंगे बिगड़े हुए काम
कार्तिक मास में आप घी, तिल और पीले वस्त्रों का भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से साधक के बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। इसके साथ ही अगर आप इस माह में सुहागिन महिलाओं को सुहाग की सामग्री का दान करते हैं, तो इससे आपको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
कैसे करें दीपदान
कार्तिक के पावन माह में दीपदान करना भी काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में आप इस माह में रोजाना इससे साधक को अक्षय पुण्य मिलता है और सभी पापों का भी नाश होता है। दीपदान करने के लिए, मिट्टी के दीपक में घी या तेल डालें और बत्ती डालकर जलाएं। इसके बाद इस दीपक को चावल या गेहूं के ढेर पर रखें।
दीपक जलाते समय संकल्प लें और मन में अपनी मनोकामना बोलें। अब इस दीपक को किसी नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें। यदि आपके आसपास कोई नदी या घाट नहीं है, तो आप इसे घर की तुलसी के सामने या फिर मंदिर में स्थापित कर सकते हैं।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। शंखनाद टाइम्स न्यूज यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।
