पटना बिहार :

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से अहसास कलाकृति, पटना के कलाकारों द्वारा प्रेमचन्द रंगशाला, राजेंद्र नगर, पटना में जगदीश चंद्र माथुर लिखित एवं कुमार मानव निर्देशित ऐतिहासिक नाटक “कोणार्क” का भव्य और प्रभावशाली मंचन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ उद्घाटनकर्ता श्री अरुण कुमार, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, गया शाखा-2; मुख्य अतिथि श्री यशवंत कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, अस्थावां, नालंदा; विशिष्ट अतिथि सैयद अता करीम, वरिष्ठ रंगकर्मी (सेवानिवृत्त अवर सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, पटना); श्री रवि मिश्रा, वरिष्ठ रंगकर्मी एवं निर्देशक, पटना (बिहार) तथा श्री पी. के. आज़ाद भारतीय, राष्ट्रीय अध्यक्ष, दी बहुजन सोसाइटी ऑफ इंडिया के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

भारतीय रंगमंच के इतिहास और मानवीय संवेदना को एक साथ मंच पर सजीव करता नाटक “कोणार्क” दर्शकों को आत्मविभोर कर गया। यह नाटक विश्वविख्यात कोणार्क सूर्य मंदिर के निर्माण से जुड़ी कथा को केंद्र में रखकर सृजन, संघर्ष और बलिदान की एक गहन मानवीय कहानी प्रस्तुत करता है।
नाटक में उत्कल के राजा नरसिंह देव, महाशिल्पी विशु और उसके पुत्र धर्मपद के माध्यम से कर्तव्य, सत्ता के दबाव और मौन बलिदान की त्रासदी को अत्यंत संवेदनशीलता और प्रभाव के साथ मंचित किया गया।

नाटक में सहभागिता करने वाले कलाकारों में विजय कुमार चौधरी, मयंक कुमार, भुवनेश्वर कुमार, कुमार मानव, बलराम कुमार, मृत्युंजय प्रसाद, आइशा कृति, गार्गी चौधरी, धनिष्ठा नाग, राजकिशोर पासवान, अमन कुमार, देव कुमार, आर्यन कुमार गुप्ता, करण कुमार, संतोष कुमार, रविदास, रामबाबू राम एवं कुमार अभिनय शामिल थे।

कार्यक्रम का मंच संचालन हिमांशु कुमार ने किया। मंच परिकल्पना संतोष कुमार, प्रकाश परिकल्पना विनय कुमार, पार्श्व ध्वनि मानसी कुमारी, रूप-सज्जा शिव बाबा एवं माया कुमारी तथा वस्त्र विन्यास अनिता शर्मा द्वारा किया गया।
