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पसी विवाद में दो लोगों की चाकू से गोदकर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बताया गया कि आरोपी ईशा गौनर आदतन अपराधी है।
इसके ऊपर न्यायमण्डल अररिया के विभिन्न न्यायालयों में कई आपराधिक मामले लंबित हैं।
आरोपी ने पहले अपनी बहन के साथ गाली-गलौज की फिर उसके बाद उस पर चाकू से हमला कर दिया था। बीच-बचाव करने आए शख्स को भी उसने चाकू भोंक दिया। इससे दोनों की मौत हो गई थी।
न्यायाधीश रवि कुमार ने शुक्रवार को आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कारावास की सजा के अलावा आरोपी को 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को छह माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सज़ा भुगतनी होगी।
यह घटना बिहार के अररिया की है।
सज़ा पाने वाला 45 वर्षीय ईशा उर्फ गौनर बैरगाछी थाना क्षेत्र के रंगदाहा निवासी मो जैनुल का बेटा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने बताया कि नौ अक्टूबर 2014 की शाम छह बजे आरोपी अपनी बहन तालमून खातून को गाली-गलौज करते हुए घर के अंदर आया। यह देखकर शौकत के पिता ऐनुल गाली देने से मना किया।
तो वह उनसे उलझ गया। इस दौरान वह अपनी बहन तालसुन खातून को बांस से मारपीट कर जख्मी कर दिया।
जब तालसुन खातून को बचाने ऐनुल आया तो आरोपी ने ऐनुल के पेट में चाकू घोंप दिया, जिससे उसके पेट से खून बहने लगा तथा वह जख्मी होकर जमीन पर गिर गया। तभी जुमनी खातून वहां पहुंचकर जख्मी हालत में जमीन पर गिरे ऐनुल को सहारा देने लगी तो आरोपी जुमनी खातून के पेट में भी चाकू मार दिया।
चाकू लगने से ऐनुल व जुमनी खातून की मौत हो गई।
घटना को लेकर मृतक ऐनुल के पुत्र मो शौकत रंगदाहा निवासी ने आरोपी के विरुद्ध अररिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। 25 नवंबर 2014 को आइओ ने कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया। न्यायलय मे आरोप गठन 18 जून 2015 को किया गया।
इधर 31 मई 2019 से कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य की करवाई प्रारंभ किया गया।
जहां स्पीडी ट्रायल के तहत कोर्ट में एसपी अमित रंजन के नेतृत्व में सरकार द्वारा गठित अभियोजन कोषांग के पुलिस निरीक्षक आसिफ वेग व पुलिस अवर निरीक्षक प्रकाश चन्द्र दूबे ने विशेष रुचि रखते हुए कोर्ट में सभी गवाहो की गवाही सम्पन्न कराया।
जहां सभी गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया।
गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश रवि कुमार ने आरोपी को दोषी ठहराया। बचाव पक्ष से लीगल एड डिफेन्स काउंसिल के डिप्टी चीफ सोहन लाल ठाकुर (अधिवक्ता) ने अपना पक्ष रखा।
बताते चले कि अभियुक्त ईशा गौनर इस मामले
में विगत 10 अक्टूबर 2014 से ही न्यायिक अभिरक्षा में मंडल कारा अररिया में बंद है।