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आज सुबह एक और गंभीर रेल हादसे ने समूचे देश को हिला दिया।
इस दुर्घटना में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 20 यात्री घायल हुए हैं।
इस दुर्घटना की खबर मिलते ही राहत और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू कर दिए गए हैं।
यह घटना जुलाई महीने में देश के विभिन्न हिस्सों में हुए सातवें रेल हादसे के रूप में सामने आई है।
18 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक देश के विभिन्न राज्यों में हुई इन रेल दुर्घटनाओं ने एक बार फिर भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
इस अवधि में यूपी, गुजरात, राजस्थान, बंगाल, बिहार और झारखंड में विभिन्न ट्रेन हादसे हुए हैं,
जो गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं।
इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और अब ये मुद्दा चर्चा का केंद्र बन गया है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की जुलाई माह की उपलब्धियों में इन घटनाओं का रिकॉर्ड शामिल है, जो उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
इस माह के दौरान हुई इन दुर्घटनाओं ने रेलवे प्रशासन की जवाबदेही और उसके कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। अधिकांश दुर्घटनाओं की जांच अभी जारी है, लेकिन अभी तक किसी ठोस कारण की पुष्टि नहीं हो पाई है।
हर एक रेल यात्री की जान महत्वपूर्ण है
और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की ज़रूरत अब और भी अधिक महसूस की जा रही है।
इस परिस्थिति में, नैतिकता के आधार पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि जिम्मेदारी का अहसास हो और भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।