गुरुकुलों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा एवं संस्कृति प्रदान करना : आचार्य रूपेश कुमार झा।

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मधुबनी जिले के पंडोल प्रखंड के सरिसबपाही के लक्ष्मीवती गुरुकुल आश्रम में जितिया से संबंधित रात्रि के अंतिम प्रहर में किया जाने वाला विशिष्ट भोजन सभी बच्चों ने एक साथ बैठकर किया, जो कि व्रती के लिए प्रसिद्ध होने के साथ-साथ बच्चों के लिए भी विशेष महत्त्व रखता है।

गुरुकुल के संचालक आचार्य रूपेश कुमार झा ने कहा कि अपनी संस्कृति एवं संस्कृत के संरक्षण हेतु संस्कृत एवं आधुनिक शिक्षा दान के साथ ही मिथिला में प्रसिद्ध सभी पर्व त्योहारों का भव्य आयोजन अपने गुरुकुल में करके जहां बच्चों के लिए अपने घर जैसा अनुभव बच्चों में उत्पन्न करते हैं। वहीं समाज में गुरुकुल शिक्षा पद्धति को भी आगे बढ़ाने का संकेत करते हैं। अपने आप में में यह गुरुकुल नित्य नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए कृत संकल्पित है।


इस कार्य में सरिसबपाही संस्कृत महाविद्यालय परिवार के साथ-साथ ग्रामीणों में इसहपुर के बुच्ची बाबू,शंकर झा,डीएवी पब्लिक स्कूल के अंग्रेजी के शिक्षक संजीव कुमार झा एवं राहुल कुमार झा,सोशल एक्टिविस्ट विक्की मण्डल आदि सहयोगी के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं।

  • Sudhansu Kumar

    सुधांशू कुमार ( बिहार ब्यूरो ) शंखनाद टाइम्स। खबरों से समझौता नहीं।बिहार में हो रहे जातिवाद राजनीतिक से मैं खफा हूँ। समाज मे फैली हुई जाति वादी रूपी ज़हर को जड़ से दूर करने की मानसिकता के साथ,अपने लक्ष्य को अटल मानकर मैं पत्रकारिता में शामिल हुआ हूँ। जय बिहार,भारत माता की जय,जय सियाराम🙏। " सही लोग " " सही सोच " " समाज की आवाज़ " ✍️ खबरों से समझौता नही ✍️ 🇮🇳🚩

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