एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को लेकर एचडब्लूसी भवानीपुर व मकरमपुर का क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने किया निरीक्षण।

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  • एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
  • 30 सितंबर तक जिले से एक स्वास्थ्य संस्थाओं का होना है एनक्यूएएस प्रमाणीकरण

मधुबनी जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को लेकर जिले के चयनित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, भवानीपुर व मकरमपुर का क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने निरीक्षण किया। इसी क्रम में उन्होंने बताया राज्य स्तर के निर्देशानुसार 30 सितंबर तक जिले से कम-से-कम एक स्वास्थ्य संस्थाओं का एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए मूल्यांकन किया जाना है, लेकिन जिला स्तर से दो हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर भवानीपुर व मकरमपुर का चयन किया गया है।

प्रमाणीकरण को लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। क्लीनिकल सर्विस, क्वालिटी इंप्रूवमेंट सर्विस व डकुमेंटेशन का कार्य किया जा चुका है। उसी के आलोक में आज निरीक्षण किया गया है। दो टीम का गठन किया गया है, जिसमें क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक को मेंटर एंड वेरीफायर बनाया गया है। साथ ही टीम में प्रशांत, नीता, प्रदीप कुमार यादव, रवि को शामिल किया गया है। एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से प्राथमिक स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढेंगी। प्रमाणीकरण होने से स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास स्वास्थ्य सुविधाओं पर बढ़ेगा। इसके दूरगामी परिणामों में हेल्थ इंडिकेटरों में भी वृद्धि होगी।

एनक्यूएएस के लिए इस तरह होता है अस्पतालों का मूल्यांकन :

एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट, उसके बाद राज्य स्तरीय टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। राज्य स्तरीय टीम के संतुष्ट होने पर केंद्रीय टीम को जांच के लिए लिखा जाता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन के लिए अस्पतालों का 12 मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए अस्पताल द्वारा सेवा प्रदायगी, मरीज संतुष्टि, क्लिनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर दिखेगा असर :

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को सही मानते हुए बताया कि स्वास्थ्य संस्थान को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने पर वहां मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर दिखता है। एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार होगा। पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा। केंद्र पर इंफ्रा का विकास होगा, जिसका सीधा असर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा। स्वस्थ माहौल का निर्माण होगा, जो स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है।

इस मौके पर क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी मोहम्मद खतीबउर रहमान, डीपीसी प्रदीप कुमार यादव, पंडोल प्रखंड के एमओआईसी, हेल्थ मैनेजर सीएचओ, पिरामल के ललन सिंह सहित अन्यकर्मी उपस्थित थे।

  • Sudhansu Kumar

    सुधांशू कुमार ( बिहार ब्यूरो ) शंखनाद टाइम्स। खबरों से समझौता नहीं।बिहार में हो रहे जातिवाद राजनीतिक से मैं खफा हूँ। समाज मे फैली हुई जाति वादी रूपी ज़हर को जड़ से दूर करने की मानसिकता के साथ,अपने लक्ष्य को अटल मानकर मैं पत्रकारिता में शामिल हुआ हूँ। जय बिहार,भारत माता की जय,जय सियाराम🙏। " सही लोग " " सही सोच " " समाज की आवाज़ " ✍️ खबरों से समझौता नही ✍️ 🇮🇳🚩

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