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आपदा पूर्व तैयारी के द्वारा हम आपदा के प्रभाव को काफी कम कर सकते हैं : अपर समाहर्ता
मधुबनी
बाढ़ आपदा सहित विभिन्न आपदाओं को लेकर समाहरणालय सभा कक्ष में टेबल टॉक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल,राज्य आपदा मोचन बल एवं सभी संबधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ अपर समाहर्ता आपदा संतोष कुमार, उपनिदेशक जनसम्पर्क सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार, सहायक कमांडेंट एनडीआरफ संतोष कुमार यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अपर समाहर्ता संतोष कुमार ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की संक्षिप्त रुख रूपरेखा प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि आपदा पूर्व तैयारी के द्वारा हम आपदा के प्रभाव को कम से कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग एवं स्टेट होल्डर आपसी समन्वय के द्वारा आपदा के प्रभाव को न सिर्फ कम कर सकते हैं बल्कि आपदा के समय काफी तीव्र गति से राहत कार्यों को संचालन भी कर सकते हैं। इसके पूर्व एनडीआरफ के इंस्पेक्टर देविकांत पांडे द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आपदा के समय, आपदा के पूर्व एवं आपदा के बाद एनडीआरएफ की भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। उन्होंने एनडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय के द्वारा तीव्र गति से कैसे राहत कार्य का संचालन किया जा सकता है, इस पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने आपदा की पूर्व चेतावनी मिलने पर किए जाने वाले कार्यों, आपदा के समय सक्रियता, राहत कार्य, खोज एवं बचाव, प्रारंभिक आकलन, राहत वितरण आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला। उक्त टेबल उक्त टेबल टॉक कार्यक्रम में उपस्थित मधेपुर माधवपुर सहित कई अंचलाधिकारियों ने अपने अनुभव को साझा किया।
बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप यूनिसेफ के प्रतिनिधि श्याम कुमार ने बाढ़ आपदा के पूर्व तैयारी के संबंध में अपने अनुभवों को साझा किया। इसके अतिरिक्त टेबल टॉक कार्यक्रम में संवेदनशील तटबंध क्षेत्र में नाव की तैनाती, मोटर बोर्ड की व्यवस्थाएं, नदी और उसके कमजोर बिंदुओं की मॉनिटरिंग, पिछले वर्ष क्षतिग्रस्त तटबंध का आकलन, संचार व्यवस्था, संपर्क पथ, वैकल्पिक पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, आश्रय स्थल का चयन, बाढ़ राहत कार्य में विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण ,खोज एवं बचाव दल को संगठित कर प्रभावित क्षेत्र में भेजना, सामुदायिक रसोई, स्वच्छता और सफाई की सुविधा, स्वास्थ्य सहायता एवं चिकित्सा सेवा, प्रभावित पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, सड़क ,तटबंध एवं आधारभूत संरचनाओं को मरम्मती, एवं पुनर्निर्माण आदि कई बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल कई अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
गौरतलब हो कि मधुबनी जिले में कुल 18 नदियां एवं उसकी उपशाखाएं हैं। इन नदियों के बेसिन तथा जिले के निचले क्षेत्रों में प्राय प्रत्येक वर्ष बाढ़ की संभावना बनी रहती है। इस एकदिवसीय टेबल टॉक कार्यक्रम में मधुबनी जिले के संभावित बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में बाढ़ आपदा के जोखिम को कम से कम करना एवं आपदा की स्थिति में उसके प्रभाव को न्यूनतम करने को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया गया।
उक्त कार्यक्रम में अपर समाहर्ता आपदा संतोष कुमार, उपनिदेशक जनसम्पर्क सह आपदा प्रभारी परिमल कुमार सहायक कमांडेंट एनडीआरफ संतोष यादव,इंस्पेक्टर एनडीआरएफ देवी कांत पांडेय,जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार,एडीएमओ रजनीश कुमार,यूनिसेफ प्रतिनिधि श्याम कुमार सिंह,सभी संबधित विभागों के अधिकारी,सभी अंचलाधिकारी आदि उपस्थित थे।