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अभी हाल ही में फतुहा के सीमेंट गोडाउन से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब पुलिस के द्वारा जप्त की गई, और डीएसपी समेत फतुहा पुलिस काफी प्रशंसा में रही और लगातार फतुहा ने शराब के लिए छापेमारी भी की जा रही है।लेकिन वहीं एक घटना औरंगाबाद जिले के ढिबरा थाना बॉर्डर से आ रही है।औरंगाबाद जिले के देव थाना क्षेत्र के मलहारा गांव के पास ढिबरा थाना के बॉर्डर पर चेकिंग अभियान लगाकर पुलिस की टीम वाहन जांच कर रही थी , उसी समय एक बाइक सवार दो युवक बोरा में शराब लादकर जीवा बिगहा की ओर जा रहे थे ।वहीं पुलिस की टीम चेकिंग लगाकर खड़ी थी ,मलहारा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि ढिबरा थाना पुलिस की गाड़ी आगे आगे आ रही थी और शराब कारोबारी पीछे से महज 50 मीटर की दूरी पर चल रही थी ,जिससे देखने मे यह स्पष्ट हो रहा था कि पुलिस खुद शराब माफियाओं को संरक्षण देकर गाड़ी पार करवा रही थी , पुलिस के सामने शराब कारोबारी आराम से शराब लादकर पार हो रहे थे । शराब माफिया की गाड़ी और पुलिस की गाड़ी आगे पीछे होना महज संयोग भी हो सकता है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस शराब माफिया को संरक्षण देने का काम करती है।
जब ग्रामीणों ने चिल्लाना शुरू किया और शराब से लदी गाड़ी के पीछे दौड़ पड़े ,जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने कहा की हमलोग तुरंत पकड़ कर लाते है और पुलिस दो मिनट के अंदर खाली हांथ लौट कर आ गई , वहीं भागने के क्रम में शराब कारोबारी दो बोरा में लदे शराब और गाड़ी छोड़कर भागने में कामयाब हो गए।
हंगामा देख पुलिस बैकफुट पर आ गई और आनन फानन में तीन थाना देव थाना ,अम्बा थाना ,ढिबरा थाना की पुलिस टीम सहित भारी संख्या में पुलिसकर्मि मौके पर पहुंचे ,वहीं सैकड़ो की संख्या में मलहारा सहित आसपास के गांव के ग्रामीण भी पुलिस के खिलाफ जमकर हंगामा किया । ग्रामीण ढिबरा थाना पर शराब का कारोबार करने और खुद सामने रहकर शराब कारोबारियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है । ग्रामीणों का कहना है कि जब पुलिस टीम ने आराम से शराब की खेप को पार करवाया तो ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर फुट पड़ा । वहां के ग्रामीणों ने पुलिस की मिलीभगत एवं जानबूझकर शराब तस्करी यों को भगाने का खुल्लम-खुल्ला आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है हेलमेट चेकिंग के नाम पर 50 ₹100 ग्रामीणों से लूट लेते हैं और शराब माफियाओं से मिलकर शराब तस्करी का बढ़ावा देते हैं। और जो शराब तस्करी हैं, उन्हें नहीं पकड़ कर निर्दोष व्यक्ति को पकड़ कर हाजत में बंद करने का काम करते हैं।ग्रामीणों निर्दोष युवकों को ना पकड़ने का अपील किया गया तो थानाध्यक्ष ने कहा कि जांच में अगर निर्दोष पाया गया तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।