ऊपर वाले मुँह दिये हैं तो आहार भी दे देंगे! जन रहेगा तो वन कटेगा! बिना पुत्र रत्न प्राप्ति के स्वर्ग की सीट कॉन्फॉर्म नही होता!बेटा से वंश की बृद्धि!
पुत्र प्राप्त यज्ञ, औषधि! यही सब रूढ़िवादिता और अज्ञानता के चलते देश में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति हो गई है।
कभी सोचा है कि अधिक बच्चे रहने से उनके साथ शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार,भोजन, पानी ,कपड़ा, सड़क,वाहन जमीन,घर की आवश्यकता होगी और ये सब कहाँ से आयेगा? कौन देगा? अगर उपलब्ध नहीं हुआ तो उनके जीवन कैसा होगा?
अगर ये सब जानते हुए कोई अधिक बाल बच्चे पैदा कर रहा है तो वो देशद्रोह का काम कर रहा है।सरकार को जनसंख्या का नियंत्रण कठोरता से लागू करना चाहिए।
अधिक बच्चे पैदा करने वाले पर पॉपुलेशन टैक्स लेना चाहिए और उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए।
किसी भी चुनाव को लड़ने से रोकना चाहिए। बिना बच्चे वाले दंपति को बांझ जैसे शब्दों से तिरस्कृत किया जाता है।बिना पुत्र पैदा करने वाली औरतों को पडतारित किया जाता है और पुत्र की प्राप्ति के आशा में 6-7 बचियाँ पैदा हो जाती है।
दुनिया के क्षेत्रफल के हिसाब से हमारे देश की आबादी अधिक है और अगले साल जनसंख्या में शीर्ष स्थान पर हो जाएंगे। भारत में गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, बेरोजगारी व्याप्त है और ऐसे में जनसंख्या का बढ़ना ठीक नहीं है। स्वस्थ्य, कुशल आबादी वाला देश हो।
जनसंख्या पर नियंत्रण रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है । बढ़ती आबादी के दुष्परिणामों से हमें अवगत होना चाहिए और लोगों को भी करवाना चाहिए।
भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या की 16.7 प्रतिशत है जबकि भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।
अनुमान अवधि के दौरान जीवन प्रत्याशा पुरुषों में 2016 में 67.2 वर्ष से 2041 में 71.4 वर्ष तक लगातार बढ़ने और अधिक महत्वपूर्ण रूप से महिलाओं में 2016 में 70.3 वर्ष से 2041 में 75.3 वर्ष तक लगातार बढ़ने का पूर्वानुमान है ।
भारत के अगले साल दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा विश्व जनसंख्या संभावना 2022 में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर, 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है।
भारत की आबादी अनुमान के मुताबिक 2050 में 1.668 अरब होगी, जो सदी के मध्य तक चीन की अनुमानित 1.317 अरब आबादी से बहुत आगे है।
वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़ रही है और 2020 में यह एक प्रतिशत से कम हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि दुनिया की जनसंख्या 2030 में लगभग 8.5 अरब और 2050 में 9.7 अरब तक बढ़ सकती है।
अनुमान के मुताबिक इसके 2080 के दौरान लगभग 10.4 अरब लोगों की आबादी के साथ ही शिखर पर पहुंचने और 2100 सालों तक उसी स्तर पर बने रहने का अनुमान है।
