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पटना /प्रसिद्ध यादव की रिपोर्ट
कहा गया है कि नख, सिख वाले से हमेशा सतर्क रहना चाहिए।अगर किसी के हाथ में हथियार है तो उससे भी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि कब किसका मन घूम जाए और लोग उसका शिकार बन जाये।
आजकल ख़ौफ़नाक कुत्तों को पोसने का चलन हो गया है।यह दूसरों से सुरक्षा से ज्यादा सामाजिक स्टेटस बन गया है।
कुत्तों को कार में सफेद तोलिये में लपेट कर घूमना, प्रतिदिन उसके खाने पर हजारों रुपये खर्च करना,उसके देखभाल के लिए नॉकर रखना, रूटीन चेकअप के लिए डॉक्टर आदि।
जानवरों से प्यार होना अच्छी बात है लेकिन इतना भी नहीं कि जानलेवा बन जाये। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला में मंगलवार सुबह रिटायर्ड शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी (82) की उनके घर में पल रहे पिटबुल डॉग ने नोंच खाया, जिससे उनकी मौत हो गई।
सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ कैसरबाग के बंगाली टोला में रहती थीं। वह नारी शिक्षा निकेतन में शिक्षिका के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। सुशीला और उनके परिवार ने घर में एक लेब्राडोर तो दूसरा खूंखार प्रजाति का पिटबुल डॉग पाल रखा है।
मंगलवार सुबह सुशीला छत पर दोनों श्वानों को टहला रही थीं। इस दौरान अचानक से पिटबुल ने सुशीला पर हमला कर पेट, सिर, चेहरा, पैर और हाथ में कई जगह नोंच लिया।
इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। जिस समय यह घटना हुई, उस दौरान सुशीला के घर में केवल नौकरानी ही थी। सुशीला की चीख सुनकर वह छत पर पहुंची तो उन्हें खून से लथपथ देख शोर मचाया।
सूचना पर सुशीला का बेटा अमित भी आ गया। आनन-फानन उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इससे पूर्व और दो लोगों को इसी तरह से दूसरे जगहों पर मौत हो चुकी है।