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खुसरुपुर/सुभम तिवारी।
कोरोना के शुरुआती काल में फतुहा कल्याणपुर में एक शिक्षक एवं खुसरुपुर में एक दवा दुकानदार की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो गई थी। प्रेमयूथ फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेमजी पर इस घटना का व्यापक असर पड़ा और उन्होंने कुछ करने को ठान लिया। इसके बाद प्रेमयूथ फाउंडेशन कार्यसमिति की बैठक बुलाकर कोरोना से लड़ने की योजना बनाई गई।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि एक ऑक्सीजन बैंक खोला जाय ताकि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों पर अंकुश लग सके। बैंक खोलने का विचार, कैबिनेट के फैसले को मूर्त रूप देना किसी चुनौती से कम नहीं था।
उस वक्त पूर्ण लॉक डाउन लगा था, लोगों का घरों से निकलना मुश्किल था और धन का भी घोर अभाव था। पर टीम की जागृत चेतना के साथ फाउंडेशन को अन्य सुहृद्जनोंला और लोग इस मिशन को कामयाब करने में जुट गए। ऑक्सीजन बैंक खोलने का प्रस्ताव उस समय के तत्कालीन फतुहा के एएसपी मनीष कुमार के बीच लाया गया, उनसे चर्चा की गई। उन्होंने टीम की इस सोंच के प्रति हृदय से आभार प्रकट करते हुए अपनी सहमति प्रदान की और टीम को भरपूर सहयोग देने का वादा किया। इसके बाद तो मानो टीम को उड़ान के पंख लग गए।