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खुसरुपुर से शुभम तिवारी की रिपोर्ट
एनएसएस की स्वयंसेविकायें आमलोगों को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सहित अन्य विषयों के के प्रति करें जागरूक- प्रो सहनाज
विशेष शिविर छात्राओं को व्यावहारिक ज्ञान, सामाजिकता, नेतृत्व क्षमता व समाजसेवा की भावना विकसित करने में सक्षम- डा चौरसिया
एनएसएस स्वयंसेवक नि:स्वार्थ सेवाभाव की प्रतिमूर्ति जो दूसरे के लिए होते हैं प्रेरक- डा विनोद
एनएसएस युवाओं में आत्मबल एवं स्वावलंबन की भावना जगाकर समाज के प्रति दायित्व बोध कराने में सक्षम- डा ऋषि कुमार
किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के युवाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। भारत युवाओं का देश है, जहां 65% युवा रहते हैं। एनएसएस से न केवल समाज को, बल्कि छात्रों को भी काफी लाभ होता है। उक्त बातें स्थानीय नागेंद्र झा महिला महाविद्यालय, लहेरियासराय की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो शहनाज जमील ने कही।
उन्होंने कहा कि एनएसएस का मुख्य उद्देश युवाओं के व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण करना है। युवा पूरे हौसले से जीवन में आगे बढ़ें और संकल्प लें कि अपने समाज एवं राष्ट्र के लिए वे अनवरत काम करेंगे। प्रो शाहनाज ने आह्वान किया कि एनएसएस की स्वयंसेविकायें आमलोगों को स्वच्छता व स्वास्थ्य आदि के प्रति जागरूक करें।
मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय के प्रेस एवं मीडिया प्रभारी डा आर एन चौरसिया ने कहा कि एनएसएस युवाओं में सामाजिक कर्तव्यबोध कराते हुए उनमें राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करती है। एनएसएस का विशेष शिविर छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान कर उनमें सामाजिकता, नेतृत्व क्षमता एवं समाजसेवा की भावना विकसित करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि समाज में सहयोग, सामंजस्य एवं सेवाभावना के साथ कार्य करने की प्रेरणा देने वाला एनएसएस राष्ट्र की अमूल्य सेवा है जो युवाओं का तीव्र गति से सामाजिकरण करने में भी सक्षम है। स्वयंसेवक एक- दूसरे से कदम से कदम मिलाकर चलते हुए पीड़ित मानवता की सेवा की प्रतिमूर्ति होते हैं।
विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवक नि:स्वार्थ सेवा भाव की प्रतिमूर्ति हैं जो दूसरों के लिए प्रेरक भी होते हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की स्वच्छता की चर्चा करते हुए कहा कि यदि हम सब स्वच्छ रहेंगे, तभी हमारा राष्ट्र स्वस्थ होगा। 1969 ईस्वी में देश में 40 हजार छात्रों से प्रारंभ एनएसएस में आज 40 लाख से अधिक स्वयंसेवक कार्यरत हैं।
विशिष्ट वक्ता के रूप में समाजशास्त्र की शिक्षिका डा सरोज राय ने कहा कि एनएसएस छात्रों में छुपी हुई प्रतिभा को निखार आता है। इसकी समाज और युवा दोनों के लिए काफी महत्ता है।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डा ऋषि कुमार राय ने कहा कि एनएसएस युवाओं में आत्मबल एवं स्वावलंबन की भावना जगा कर समाज के प्रति दायित्वबोध कराने में पूर्णत: सक्षम है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बल पर कोई भी आगे बढ़ सकता है। यदि इरादा पक्का हो तथा कठिन परिश्रम हो तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने छात्राओं से दकियानूसी विचारों को त्यागकर शिविर में सीखे हुए स्वच्छता एवं स्वास्थ्य आदि संबंधित जागरूकता की बातों को समाज में फैलाने पर बल दिया।
शिविर के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता में रश्मि- प्रथम, श्रेया कर्ण- द्वितीय व राखी ने तृतीय स्थान पाया, जबकि क्विज में रश्मि- प्रथम, रुखसार प्रवीण- द्वितीय व राखी ने तृतीय स्थान पाया। वहीं नृत्य प्रतियोगिता में रश्मि- प्रथम, श्रेया कर्ण- द्वितीय तथा शिवानी व रुखसार प्रवीण ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि गायन में विजेता कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिन्हें प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डा अशोक कुमार झा, डा नारायण झा, महिमा सिंह, कुमारी मनीषा भारती, सूर्यकांत सिंह, राजेश कुमार सिंह एवं शिवानी ठाकुर आदि में अपने विचार रखे।
अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र एवं पौधा प्रदान कर किया गया, स्वागत गान विजेता कुमारी ने प्रस्तुत किया।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी डा घर्मशीला गुप्ता ने 7 दिनों में संपादित कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान योगाभ्यास, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, पर्यावरण जागरूकता, आत्मनिर्भरता, स्वच्छता, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, चिकित्सा शिविर तथा विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय एनएसएस इकाई द्वारा गोद लिए गए मोहल्ला मोकड़वा, मिर्जा खान तालाब, लहेरियासराय में जाकर स्वच्छता अभियान चलाया तथा स्वच्छ व स्वस्थ रहने के लाभों से आमलोगों को अवगत कराया। धन्यवाद ज्ञापन सक्रिय स्वयंसेविका शिवानी ठाकुर ने किया।