Share this
फतुहा के गांधी टोला में बाबा भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । वक्ताओं ने संविधान और लोकतंत्र पर बढ़ते खतरे और डाक्टर भीमराव अंबेडकर के विचार की जरूरतों को बताया।संगोष्ठी में सैंकड़ों लोगों की उपस्थित थी । संगोष्ठी के संचालन भाकपा माले के स्थानीय नेता राम प्रवेश दास ने किया ।संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव कॉमरेड उमेश सिंह ने कहा कि आज देश की हालात बहुत ही खराब हो चुका है देश की सत्ता पर बैठे लोग संविधान को मुठ्ठी में कर उसे अपने मन मुताबिक प्रयोग कर रहे है सारे संवैधानिक संस्थाओं को अपनी मुठ्ठी में कर उसका दुरुपयोग किया जा रहा है ।और संविधान के मूल भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है ।मनुवादी सिद्धांतो का प्रयोग करने की कोशिश चल रहा है। अब प्रश्न उठता है कि देश संविधान से चलेगा या मनु स्मृति से ।जिसके तहत समाज के एक बहुत बड़ा तबका को शुद्र कह कर उसे सभी नागरिक अधिकारों से वंचित करने की कोशिश जारी है ।ये सब देश की सत्ता पर काबिज भाजपा और संघ के लोग कर रहे है।ऐसे वक्त में हमें डाक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रासंगिकता बहुत बढ़ गया है उन्हें फिर से पढ़ने की जरूरत है और उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है तभी हम भाजपा और संघ के मंसूबों को चकनाचूर कर सकते हैं। डाक्टर भीमराव अंबेडकर को अपना नेता माने उन्हें भगवान बनाने की कोशिश न करें ।अन्यथा यही तो भाजपा वाले कर रहे है ।
आइए हम सब मिल कर धर्मो का राजनीतिक इस्तेमाल का पुरजोर विरोध करें और अपने बच्चों को भाजपा वालों द्वारा फैलाई जा रही धार्मिक उन्माद से बचाएं ।
और अपने संघर्षों के बल पर संविधान और लोकतंत्र पर हो रहे हमले के खिलाफ गोलबंद हो ।यही आज की जरूरत है।
संगोष्ठी को भाकपा माले के प्रखंड सचिव कॉमरेड शैलेंदर यादव, बामसेफ के दिना नाथ पासवान,धुरी दास, बबन यादव( उप मुख्य पार्षद) , भाकपा माले नेता पंकज यादव, दिना नाथ साव, महिला नेत्री संगीता देवी, सुदामा दास, स्थानीय पार्षद अशोक कुमार ने संबोधित किया। संगोष्ठी में सैंकड़ों महिला पुरुष और युवा शामिल थे ।