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बिहार में चुनाव के मद्देनज़र सियासी पारा चढ़ा हुआ है, वहीं अब किसान नेता राकेश टिकैत प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ाते हुए नज़र आ रहे हैं।
दरअसल प्रदेश के औरंगाबाद ज़िले के गांधी मैदान से किसान नेता राकेश टिकैत ने शंखनाद कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार के औरंगाबाद की धरती से किसान आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। किसानों को जागना होगा, केंद्र और राज्य सरकार किसानों की जमीन को हड़पने की योजना बना रही है।
बिहार से शुरू हुए बड़े-बड़े आंदोलनों का असर पूरे देश में दिखाई दिया है। हम किसानों की परेशानियों और समस्याओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमेशा किसानों के लिए लड़ते रहेंह। केंद्र सरकार को किसान झुका सकते हैं, तो बिहार सरकार को क्यों नहीं झुका सकते हैं।
बिहार में किसान आंदोलन कर प्रदेश के किसानों को आज़ादी दिलाएंगे। आंदोलन के बाद ही किसानों को हक मिलेगा, उन्हें फसलों के सही दाम और ज़मीन की सही कीमत मिलेगी। किसानों को अपना हक पाने के लिए बड़ा आंदोलन करने की ज़रूरत है,हम इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। बिहार दौरा कर हम किसान आंदोलन का ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे हैं।
राकेश टिकैत ने नीतीश सरकार को चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि बिहार में अगर दिसंबर 2023 तक मंडी कानून लागू नहीं हुआ तो, दिल्ली जैसा किसान आंदलन बिहार मे होगा। केंद्र सरकार ने तीन काले कानून वापस कर लिए तो बिहार में मंडी कानून लागु क्यों नहीं होंगे।
क्रांतिकारियों की धरती बिहार से किसान आंदोलन की शुरुआत होगी। पढ़ाई लिखाई कर लोगों ने बिहार छोड़ दिया और जो बच गए वह सिर्फ़ मज़दूरी कर रहे हैं। बिहार में साल 2006 में मंडी कानून ख़त्म कर दिया गया। मंडी के जमीनों को या तो बेच दिया गया, या फिर लीज़ पर दे दिया गया। बिहार में मंडी कानून लागू करने के लिए बड़ी बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।